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लखीमपुर/ डीसीडीसी किडनी केयर डायलिसिस सेंटर ने पूरा किया एक वर्ष का सफ़र

सेंटर ने हर्षोल्लास के साथ मनाया प्रथम वार्षिक उत्सव
सीएमएस ने की डीसीडीसी लखीमपुर टीम की सराहना

 

लखीमपुर : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल पर आधारित लखीमपुर डीसीडीसी किडनी केयर डायलिसिस सेंटर का सफलतम एक वर्ष पूरा होने पर हर्षोल्लास से मंगलवार को अपना वार्षिकोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सीएमएस डॉ आई के राम चंदानी उपस्थित रहे।

वार्षिकोत्सव की शुरुआत मुख्य अतिथि सीएमएस डॉ चंदानी के करकमलों द्वारा केक काटा कर हुई। उसके बाद सेंटर स्टाफ ने मरीजों, तीमारदारों एवं कार्यक्रम में सहभागिता दर्ज करवा रहे लोगों को केक खिला कर खुशी का इजहार किया। सीएमएस डॉ चंदानी ने सेंटर की उपलब्धि पर नजर डालते हुए कहा कि मरीज हित मे सेंटर स्टाफ के प्रयास सराहनीय हैं इसे बरकरार रखते हुए और बेहतर बनाने के प्रयास करें।

इससे पूर्व सेंटर मैनेजर ओम शर्मा ने डायलिसिस सेंटर के एक साल का क्रमवार ब्यौरा देते हुए बताया कि बीते साल आज के ही दिन 6 डायलिसिस मशीनों के साथ शुरू हुए सेंटर में अब 10 मशीनें हैं और निकट भविष्य में बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने बताया इस एक साल में मरीज हित के प्रति कृत संकल्पित डायलिसिस संस्था डीसीडीसी ने सेंटर को वातानुकूलित करने के साथ साथ बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर डीजी की व्यवस्था की है।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष आज के ही दिन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने लखीमपुर खीरी जिला वासियों को डायलिसिस की सुविधा देते हुए इस सेंटर का शुभारंभ किया था। क्षेत्रीय विधायक योगेश वर्मा, डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, सीएमओ सहित तमाम अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में शुरू हुए इस सेंटर का संचालन आधा दर्जन डायलिसिस मशीन से हुआ था। मरीज बढ़े तो मशीन बढ़ीं। इस एक वर्ष में सेंटर पर 10 डायलिसिस मशीनें हो चुकी हैं जिसमे एक मशीन हेपेटाइटिस सी पास्टिव के लिए आइसोलेशन रूम में रखी हुई है। बाकी 9 मशीन निगेटिव मरीजों के लिए है। बिजली की आवाजाही से डायलिसिस प्रक्रिया बाधित होता देख सेंटर मैनेजर श्री शर्मा के सार्थक प्रयासों से डायलिसिस संस्था डीसीडीसी ने एक डी जी भी इसी एक वर्ष में स्थापित कर मरीजों को निर्विध्न सुचारू डायलिसिस देने का कार्य किया है। इसके अलावा गर्मियों में मरीज तो मरीज, मशीन तक अलार्म करने लगती थी, इस समस्या को देखते हुए इसी एक वर्ष में 3 ए सी की व्यवस्था कर सेंटर को वातानुकूलित किया गया। इस पूरे वर्ष में 101 डायलिसिस मरीजों का पंजीकरण हो चुका है, जिसमे लगभग 61 मरीज मौजूदा समय मे इन्ही 10 डायलिसिस मशीनों पर डायलिसिस करवा कर स्वयं को स्थिर रख रहे हैं।

नेफ्रोलॉजिस्ट की सलाह पर इन मरीजों की सप्ताह में दो से लेकर तीन डायलिसिस हो रही हैं।। अतिगंभीर रोग में आने वाले गुर्दा फेल्योर रोगियों की ठिठकती छिटकती जिंदगियां दौड़ाने वाले सेंटर स्टाफ की दक्षता का सबूत इससे भी मिलता है कि इस पूरे साल डायलिसिस प्रक्रिया के दौरान कोई अनहोनी ( 1 को छोड़कर) नही हुई। सेंटर के शुरुआती दौर में तमाम प्रयासों के बावजूद एक गम्भीर हालत में आये मरीज को बचाया नही जा सका था।

इस अवसर पर डीएक्सआर गुरुमत सिंह, सीनियर टेक्नीशियन राजेश्वर भारती, धर्मेन्द्र गुप्ता, नर्सिंग स्टाफ राम सिंह, टेक्नीशियन शुभम वर्मा, तौफीक, विवेक गोस्वामी, अनुपम श्रीवास्तव, हर्ष, निधि वर्मा, दीपू वर्मा आदि सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।