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सुपौल/ रोगों की निगरानी एवं महामारी प्रबंधन के लिए सुपौल को किया गया पुरस्कृत

पूरे राज्य में सुपौल का रहा तीसरा स्थान

संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए की जाती है आवश्यक निगरानी

सुपौल : रोग निगरानी और महामारी से बचाव की तैयारी को मजबूती प्रदान करने पर आईडीएसपी आईएचआईपी कार्यशाला का आयोजन, प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार की अध्यक्षता में पटना में किया गया। इसमें सुपौल जिला की ओर से अपर चिकित्सा मुख्य पदाधिकारी, डा. कविन्द्र प्रसाद, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के आईटी प्रबंधक रंजीत राहुल एवं डाटा ऑपरेटर ने भाग लिया। कार्यशाला में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम अंतर्गत समेकित स्वास्थ्य एवं सूचना मंच पोर्टल प्रतिदिन किए जाने वाले गुणवत्तापूर्ण प्रतिवेदन प्रतिवेदित करने एवं संचारी रोग से संबंधित महामारी की निगरानी एवं रोकथाम में राज्य भर में तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव, प्रत्यय अमृत द्वारा एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के आई टी प्रबंधक रंजीत राहुल को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. कविन्द्र प्रसाद सिंह ने समस्त सहकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन से नए लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी शुभकामनाएं दी।

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. कविन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक निगरानी की जाती है। उन्होंने बताया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत 38 प्रकार की संक्रामक बीमारियों की पहचान की जाती है। इसके लिए संक्रमित बीमारियों के लिए ओपीडी आधारित पी, जांच आधारित एल एवं क्षेत्रभ्रमण के आधारित एस भागों में वर्गीकृत करते हुए संक्रामक बीमारियों की ऑनलाइन आंकडों का संधारण किया जाता है। जिससे क्षेत्र में संक्रामक बीमारियों के प्रकार एवं प्रसार की स्थिति का पता चलता रहता है। किसी प्रकार के संक्रामक बीमारी का प्रसार अधिक होने की स्थिति में उस विशेष बीमारी के नियंत्रण संबंधी उपायों के विकास एवं रोकथाम के लिए प्रयास सुनिश्चित किये जा सकते हैं। ताकि समय रहते उस बीमारी विशेष पर नियंत्रण पाया जा सके।