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सुपौल/ डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देख स्वास्थ्य विभाग सतर्क

डेंगू के अबतक 10 मरीज हैं सदर अस्पताल में

तेज बुखार, असहनीय पीड़ा, कमजोरी एवं दस्त इसके प्रमुख लक्षण

सुपौल : डेंगू के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग सजग है। डेंगू से बचने के लिए जरूरी है कि लोग अपने घरों के आस-पास साफ सफाई रखें। मच्छरों से बचने के लिए रात में सोते समय मच्छदानी का उपयोग अवश्य करें। यदि एक बार डेंगू संक्रमण के शिकार हो गये हों तो सावधानी और भी जरूरी है। सुबह शाम इन मच्छरों का प्रकोप सबसे अधिक होता है। इसलिए सुबह-शाम पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़ों का उपयोग कर मच्छरों के काटने से बचें। मच्छरों को दूर भगाने के लिए अपने आवास के आस-पास मच्छर नाशक रसायनों का छिड़काव करें। मच्छर दूर भगाने वाले साधनों का उपयोग घरों के भीतर भी कर सकते हैं।

सिविल सर्जन डा. मिहिर कुमार वर्मा ने बताया अब तक जिले में 10 डेंगू के मरीज प्रतिवेदित हो चुके हैं। जिनका समुचित इलाज सदर अस्पताल सुपौल में चिकित्सकों की देख रेख में किया जा रहा है। डेंगू के नये मरीजों की संख्या न बढ़ने पाये इसके लिए लोगों द्वारा सावधानी बरतना जरूरी है। डेंगू एडीज मच्छरों के काटने से होता है। ये मच्छर साफ व स्वच्छ पानी में पनपते हैं। घरों के आस-पास पानी इकट्ठा होने के सभी कारणों को नष्ट करना इससे बचाव का सबसे अहम तरीकों में से एक है। डेंगू प्रसार को देखते हुए लोगों को अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखने के लिए जागरुक किया जा रहा है। साथ ही स्थानीय प्रशासन द्वारा फॉगिंग मशीन के द्वारा मच्छर नाशक रसायनों का छिड़काव भी किया जा रहा है। अपने घरों के आस पास पानी जमा होने के कारणों को चार से पाँच दिनों के अंतराल पर नियमित तौर पर जांच करते रहें, ताकि नये मच्छर पनप नहीं पायें।

सिविल सर्जन ने बताया डेंगू बुखार के लक्षणों की मानें तो इसका सबसे पहला लक्षण तेज बुखार का आना है। इसके साथ शरीर में ऐंठन एवं असहनीय पीड़ा होती है। डेंगू बुखार से मरीज काफी कमजोर महसूस करते हैं ऐसा उनके खून में प्लेटलेट्स की कमी के कारण होता है। डेंगू बुखार के मरीजों का प्लेटलेट्स कम होना भी इसके लक्षणों में से एक है। इसका पता जांच के दौरान चलता है। डेंगू बुखार के मरीज गंभीर स्थिति में दस्त के भी शिकार हो जाते हैं, जिससे कमजोरी अधिक हो जाती है। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए डेंगू जांच की व्यवस्था की गई है। इसके उपचार के लिए अतिरिक्त व्यवस्था भी की गई।