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सुपौल/ जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के अंतर्गत अबतक 418 लोगों ने अपनाये स्थाई साधन

स्थाई साधनों की अपेक्षा अस्थाई साधनों में लोगों की दिख रही रुचि

आसान एवं पूरी तरह सुरक्षित है पुरुष नसबंदी

सुपौल : जिले में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आयोजन किया गया। जिसके तहत लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के कई साधनों के बारे में जानकारी दी गई। 11 से 31 जुलाई तक आयोजित पखवाड़ा में लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के अस्थाई साधनों के साथ-साथ दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के महत्त्व के बारे में जानकारी भी दी गई। साथ ही स्थाई साधनों में महिला बंध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी पर भी विशेष जोर दिया गया। जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा को लेकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में लगातार जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को उत्प्रेरित किया गया तथा स्थाई एवं अस्थाई साधनों के बारे में जानकारी दी गई ।

जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो0 मिन्नतुल्लाह ने बताया विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर जिले में आयोजित जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के दौरान स्थाई साधनों से कहीं ज्यादा अस्थाई साधनों में लोगों ने अभिरुचि दिखाई । लोगों के द्वारा सर्वाधिक अस्थाई साधनों को अपनाया जा रहा । जिले में सम्पन्न जनसंख्या स्थिरिकरण पखवाड़ा के दौरान स्थाई साधन के अंतर्गत अब तक 418 महिलाओं का बंध्याकरण किया जा चुका जबकि 2 पुरुषों की नसबंदी की गई है। वहीं अस्थाई साधनों में आईयूसीडी का इस्तेमाल सर्वाधिक किया गया है। पखवाड़ा के तहत 527 महिलाओं ने इसका उपयोग किया जबकि 630 महिलाओं के बीच अंतरा का वितरण किया गया है।


जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो0 मिन्नतुल्लाह ने बताया जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के तहत लोगों को परिवार नियोजन के बारे में घर-घर जाकर जानकारी दी गयी थी। साथ ही साथ लोगों को जागरूक भी किया गया था। खासकर पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों में जागरूता फैलायी गयी थी, क्योंकि अभी भी पुरुषों में नसबंदी को लेकर कहीं ना कहीं भ्रम बैठा हुआ है कि नसबंदी के बाद कई समस्या उत्पन्न होती है, जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी पूरी तरह से सुरक्षित है और महिला बंध्याकरण से कई गुना आसान भी ।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो0 मिन्नतुल्लाह ने बताया कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग और केन्द्रीय परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य से परिवार नियोजन आधारित कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं। उन्होंने बताया राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार 67.0 प्रतिशत महिलाएं किसी ना किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग कर रही हैं। जबकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार 34.4 प्रतिशत महिलाएं नवीन गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग करती थीं। वहीं अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार 50.4 प्रतिशत महिलाएं इस प्रकार के नवीन साधनों का उपयोग कर रही हैं। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.1 तक लाने का निर्धारित किया गया है।