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सुपौल/ स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए जिले को आवंटित किए गए 11 नए एम्बुलेंस

नए एम्बुलेंस के मिलने से मजबूत हुई स्वास्थ्य सेवाएं

अत्याधुनिक सुविधायुक्त हैं सभी नये एम्बुलेंस

ऑनलाइन मॉनिटरिंग की सुविधा भी है नई एम्बुलेंसों में

सुपौल : स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत एवं आधुनिक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जिले के लोगों को निः शुल्क एम्बुलेंस की सेवा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा नये एम्बुलेंस दिये गये हैं। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के माध्यम से खरीदे गये इन एम्बुलेंसों में से अधिकांश एम्बुलेंसों में अतिआधुनिक जीवन रक्षक तथा कुछ में बुनियादी जीवन सहायक उपकरण लगे हुए हैं। सुपौल जिले को 11 एंबुलेंस आवंटित किये गए हैं। इनमें 6 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस एवं 5 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं।


जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो0 मिन्नतुलाह ने बताया एंबुलेंस सेवा 102 को ऑनलाइन लाइव भी किया जा रहा है। मरीजों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक नया मोबाइल एप लॉन्च किया गया है। जिसके तहत राष्ट्रीय 102 एंबुलेंस सेवा की निगरानी की जायेगी। इस एप्लीकेशन के माध्यम से अधिकारी एम्बुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिंग कर सकेंगे। 102 एंबुलेंस अब आसानी से हर किसी के लिए सुलभ होगी। लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए इन्हें मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है। इसके माध्यम से पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम के साथ ही एंबुलेंस के लिए कॉल करने वालों को मिलती रहेगी।


जैसे ही कोई मरीज या परिजन 102 एंबुलेंस के लिए कॉल करेगा, संबंधित के पास मैसेज चला जाएगा। इसमें चालक, टेक्नीशियन के मोबाइल नंबर, एंबुलेंस के नंबर लिंक होंगे. इस लिंक को खोलने पर एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी। टेक्नीशियन को भी मरीज के पास पहुंचने पर संबंधित जानकारी एप पर डालनी होगी। साथ ही किस अस्पताल में ले जा रहे हैं, यह भी विवरण दर्ज कराना होगा। एंबुलेंस में पहले से जीपीएस लगा है। इस मोबाइल एप से निगरानी और बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है।

ऐसा देखा गया है कि कई बार एंबुलेंस मरीजों तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे मरीज को समय से इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसे में मरीज या उनके देखभाल में लगे परिजन को बार-बार फोन करना पड़ता है, लेकिन फोन रिसीव करने वाला व्यक्ति भी उन्हें एंबुलेंस की सही लोकेशन नहीं बता पाता था। अब एप की सुविधा शुरू होने के बाद यह समस्या खत्म हो गयी है।


पहले एईएस, वरिष्ठ नागरिकों, प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती महिलाओं को, प्राइमरी हेल्थ होल्ड, कालाजार और परिवार नियोजन के लिए ही निःशुल्क एम्बुलेंस की सेवा उपलब्ध थी, लेकिन यह महसूस किया गया कि इन रोगों के अलावा भी कई अन्य रोगों में आपातकाल परिस्थिति पर अस्पताल तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस की जरूरत होती है। इसे ध्यान में रखते हुए वर्तमान समय में सभी श्रेणी के गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए एम्बुलेंस अस्पताल तक उपलब्ध है। विभाग का प्रयास है कि एम्बुलेंस सेवा की गुणवत्ता को मजबूत कर आपातकाल परिस्थितियों में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया जाए।