News4All

Latest Online Breaking News

कविता/ घर-घर तिरंगा 🇮🇳 हर घर तिरंगा

भारत की है यह शान तिरंगा,
भारत की है ये जान तिरंगा।

वीरों का है ये सम्मान तिरंगा,
सैनिकों का बलिदान तिरंगा।

घर-घर में ये फहराएं तिरंगा,
हर घर में यह लगाएं तिरंगा।

 

सन47 में जीत का प्रतीक तिरंगा,
असंख्य शहादतों की जीत तिरंगा।

अमृत महोत्सव का यह तिरंगा,
स्वतंत्रता के 75वर्ष का तिरंगा।

भारत की पहचान है यह तिरंगा,
भारत के स्वाभिमान का तिरंगा।

 

आओ हम सब इसे सैल्यूट करें,
वीरों को दिल से हम याद करें।

सुभाष चंद्र बोस का है तिरंगा,
गाँधी टैगोर घोष का है तिरंगा।

लाल बाल पाल का यही है तिरंगा,
भगत राजगुरु सुखदेव का तिरंगा।

 

अशफाक हमीद का है तिरंगा,
भारत के नागरिकों का तिरंगा।

चंद्र शेखर आजाद का है तिरंगा,
भारत के आजादी का है तिरंगा।

हमारा आन बान शान तिरंगा,
हमारी अस्मिता जान तिरंगा।

गुलामी से आजादी का तिरंगा,
अंग्रेजों से आजादी का तिरंगा।

देश के सभी शहीदों को याद करें,
ज्ञात नहीं जो उनको भी याद करें।

आजादी का दीवानों का तिरंगा,
आजादी के मस्तानों का तिरंगा।

त्याग और बलिदान का तिरंगा,
सुख समृद्धि शांति का तिरंगा।

घर-घर में लगायें अपना तिरंगा,
हर घर में अवश्य लगायें तिरंगा।

आजादी का अमृत महोत्सव है,
75वें आजादी का महोत्सव है।

गुमनाम शहीदों कोभी याद करें,
भाषण में जिक्र करें व याद करें।

इतिहास में जो भी नाम दर्ज नहीं,
उनकी कोई पहचान भी दर्ज नहीं।

वे भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे,
आजादी के दीवाने थे सेनानी थे।

जरा याद उन्हें भी तो कर लो,
थोड़ी आँसू आँखों में भर लो।

जो लौट के घर भी नहीं आये,
भारत माँ के लिए प्राण गंवाए।

उन्हें श्रद्धा पुष्प चढ़ाएं नमन करें।
उन्हें कोटि-2 व शत-2 नमन करें।

जय हिन्द जय भारत जय माँ भारती,
अमृत महोत्सव में उतारू माँ आरती।