कविता/ ये सबूत है कि पृथ्वी पर भी ईश्वर है
क्यों ? अमरनाथ की पवित्र गुफा में,
शिवजी का स्वयं शिवलिंग बनता है।
माँ ज्वालादेवी के इस पावन मंदिर में,
हमेशा ही क्यों ये ज्वाला निकलता है।
क्यों मैहर माँ के शुभ पावन मंदिर में,
रात्रि काल में अब भी आल्हा आते हैं।
सीमा पे स्थिति तनोट माता मंदिर में,
क्यों 3हजार बमों में से 1भी ना फूटे।
जलप्रलय हादसे से भी केदारनाथ में,
क्यों मंदिर का ये बाल न बांका होता।
पूरी दुनिया में आजभी सिर्फ रामसेतु,
के ही ये पत्थर समुद्र में क्यों तैरते हैं।
क्यों पवित्र सेतुबंधु रामेश्वरम धाम में,
कभी उफान नहीं मारता है ये सागर।
पावन जगन्नाथपुरी मंदिर के ऊपर से,
क्यों कोई पक्षी व विमान नहीं उड़ता।
पुरी के पावन मंदिर में ध्वजा पताका,
क्यों हवा के विपरीत दिशा में उड़ता।
महाकाल उज्जैन में ये बाबा भैरोनाथ,
का क्यों होता है यह मदिरा का पीना।
गंगा माँ व नर्वदा माँ नदियों का पानी,
पवित्र जल क्यों कभी खराब न होता।
श्रीरामनाम धनसंग्रह बैंक में संग्रहीत,
41अरब रामनाम मंत्रपूरित ग्रंथों को।
कागज पे लिखे होने पर भी यह चूहे,
क्यों कभी नहीं काटते एवं कुतरते हैं।
चित्तौड़गढ़ में बाणमाता जी मंदिर में,
क्यों आरती काल में त्रिशूल हिलते हैं।
क्योंकि ये सब सबूत है कि पृथ्वी पर,
भी ये देवीदेवता व ईश्वर सब रहते हैं।