News4All

Latest Online Breaking News

मोहाली/ तथास्तु चैरिटेबल सोसाइटी ने ढकोली में 51 महिलाओं को किया सम्मानित

जीरकपुर (मोहाली) : तथास्तु चैरिटेबल सोसायटी ने हर साल की तरह एक नई कोशिश कि कैसे लोगों को अपने साथ जोड़ा जाए । सर्वविदित है कि तथास्तु चैरिटेबल सोसाइटी ने अपने दो विंग्स शुरू किए हैं पहला तथास्तु चैरिटेबल पब्लिक स्कूल और दूसरा तथास्तु वूमेन एंपावरमेंट विंग ।

अपने दूसरे विंग के तहत पिछले दिनों ढकोली में एक मनमोहक कार्यक्रम किया गया जिसमें 51 ऐसे महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र मे कामयाबी का परचम लहराया है । इसमें डॉक्टर्स, पुलिस ऑफिसर, सोशल वर्कर व बिजनेस एंटरप्रेन्योर आदि शामिल थे ।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगतगुरु पंचानंद गिरि महाराज थे । उन्होंने ज्योति प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया । इस मौके पर डॉक्टर सरबजीत कौर फाउंडर एंड चेयर पर्सन ऑफ तथास्तु चैरिटेबल सोसायटी, ने कहा कि आप सब लोगों से हाथ जोड़कर यही निवेदन करती हूं कि मैंने जो मुहिम चला रखी है भिक्षा नहीं शिक्षा दो इसमें सब लोगों का साथ बहुत जरूरी है जिसमें कि आप सब लोग मेरे साथ जुड़े और यह जो गरीब तबके के बच्चे हैं हमारे साथ जुड़ सके और आगे बढ़ सके । यह ऐसे बच्चे हैं कि जो पढ़ने लिखने के लायक है लेकिन उनके घरों में कमी होने के कारण यह बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं । मंदिरों और गुरुद्वारों के बाहर यह प्रसाद के या किसी चीज के खाने के लालच में बाहर बैठे रहते हैं । जब मैंने यह स्कूल शुरू किया था तो मेरे पास बहुत कम बच्चे थे. मैंने घर घर जाकर अपने सारे स्टाफ के साथ जाकर इन लोगों से बहुत अच्छे से बात की और इन लोगों को स्कूल मैं बच्चे भेजने के लिए कहा ।आगे उन्होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी होती है कि मेरे बहुत अच्छी संख्या में बच्चे आते हैं और और यह बच्चे हमारे पास पढ़ते हैं लेकिन सबको पता है कि अकेला इंसान कुछ भी नहीं कर सकता है और बूंद-बूंद से सागर भर जाता है । यह जो कार्यक्रम किया गया था इसमें आप सब लोगों का सहयोग मिला ओर आशावान भी है कि आगे भी मिलता रहे, जिससे कि तथास्तु चैरिटेबल सोसाइटी के बच्चे आगे बढ़ सके, समाज ओर देश की मुख्य धारा से जुड़े सके ।

अंत में उन्होंने सबका धन्यवाद देते हुए कहा कि आप सब का मैं तहे दिल से धन्यवाद करती हूं कि आप सब लोगों ने अपना कीमती समय निकालकर मुझे दिया और ऐसे भी आगे हमारे साथ बढ़ते रहेंगे । एक बार फिर से मैं कह रही हूं कि भिक्षा नहीं शिक्षा ही दो बच्चों को. जिससे कि यह बच्चे आगे बढ़ सके ।