सहरसा/ स्वास्थ्य विभाग द्वारा हज यात्रियों को लगाया गया आवश्यक टीका
पोलियो एवं मैनिंजाइटिस का दिया गया टीका
हज यात्रियों के लिए जरूरी है टीकाकृत किया जाना
सहरसा : वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पिछले दो सालों से बाधित हज यात्रा पर से सरकार द्वारा रोक हटा ली गयी है। इस वर्ष जिले से कुल 39 लोग हज यात्रा पर जा रहे हैं। सरकार उनके स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा कर रही है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के हज यात्रियों को एकत्रित कर आवश्यक टीके लगाया गया। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा. महबूब आलम, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक डा. रितेश कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था यूनिसेफ के एसएमसी बंटेश नारायण मेहता एवं सैयद मजहरूल हसन, एएनएम सुधा कुमारी, सत्यापनकर्त्ता राकेश कुमार, आरसीएच कार्यालय के मोहम्मद आजाद, हज कमिटि के अध्यक्ष मोहम्मद अख्तर आलम, हाजी अब्दुल रहमान, इमाम मौलाना मुस्तकीम, डा. रईस एवं अन्य स्थानीय धार्मिक एवं बुद्धिजीवी गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद ने बताया वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से बाधित हज यात्रा अब आरंभ हो गयी है। हज करने जा रहे लोगों के लिए आवश्यक चिकित्सीय सुविधा स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें समय-समय पर उपलब्ध करायी जाती रही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले से जा रहे हज यात्रियों को पोलियो एवं मैनिनजाइटिस का टीका दिया गया। इस मौके पर कोरोना की भी टीम मौजूद थी। इससे पहले भी हज यात्रियों को पोलियो एवं मैनिंजाइटिस का टीका दिया गया था जिनमें से कुछ शेष रह गये थे। उन्हें आज टीका दिया गया एवं वैसे हज यात्री जो पूर्व में उक्त टीका ले चुके थे और उनका कोविड- 19 टीका लेने का समय पूरा हो चुका था को कोविड- 19 का भी टीका दिया गया। देश से बाहर जा रहे लोगों के लिए विभिन्न प्रकार मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है। खासकर हज यात्रियों को क्योंकि जहां वे जा रहे हैं, वहां बड़ी संख्या लोग प्रार्थना करने के उद्देश्य से विश्व के अन्य हिस्सों से इकट्ठा होते हैं। इतन बड़ी संख्या को एक साथ स्वस्थ्य रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सीय नियमों का पालन करना आवश्य हो जाता है। ऐसे में हज यात्रियों को उनकी चिकित्सीय देखभाल में सरकार द्वारा कहीं से किसी प्रकार की कमी नहीं की जा रही है।