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देश – विदेश/ पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाओं ने की वट सावित्री की पूजा

✍️ अमरेश कुमार, सुपौल

 

देश ही नहीं विदेशों में की गई यह पूजा

मिथिला की महिलाओं के साथ साथ अब अन्य जगह की महिलाएँ भी पति की लंबी उम्र के लिए करती है यह पूजा


पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाओं ने हर्षोल्लास से की वट सावित्री की पूजा की। देश – विदेश के विभिन्न इलाकों में महिलाओं ने धूमधाम से वट सावित्री की पूजा की। इस दौरान सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखद वैवाहिक जीवन को लेकर बट सावित्री व्रत रखते हुए बरगद के पेड़ के नीचे पूजा अर्चना की ।

मालूम हो कि सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन खुशीयों से भरी होती है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना को लेकर बरगद के नीचे वट वृक्ष की विधिवत पूजा करती है।


इस दिन सुहागिन महिलाएं फल फूल और कच्चे धागे को बरगद के पेड़ में लपेट कर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करती है । ऐसी मान्यता है कि इस कथा को सुनने से मनोवांछित फल की भी प्राप्ति होती है ।

 

इस दिन सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने का भी प्रचलन है। सावित्री सत्यवान की कथा का वर्णन स्कंद पुराण और पौराणिक पूरा पुराण में भी है। कहते हैं की इसी दिन सावित्री अपने पति सत्यवान का प्राण यमराज से लौटा ली थी । बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री ने सत्यवान का प्राण लौटा कर पति के लंबी आयु का वरदान भी पाया।

इस दिन सुहागिन महिलाएं उपवास रहकर पूजा करती हैं पूजा अर्चना के बाद सुहागिन महिलाएं अपने घरों में जाकर पति के चरण स्पर्श करते हैं और फल खिलाते हुए उन्हें नव निर्मित पंखे से हवा देते हैं । ताकि भीषण गर्मी में उनके पति को गर्मी का एहसास न हो सके।

ग्रामीण इलाके में नविवाहित महिला के घर विशेष अनुष्ठान पूर्वक पूजा अर्चना होती हैं। जिसमे आसपास की कई महिलाएं शामिल होती है। इस दौरान नव विवाहित महिला को सावित्री और सत्यवान की कहानी भी सुनाई जाती है।

मान्यता के अनुसार यह पर्व आरंभ में मिथिला क्षेत्र में विशेष जाति की महिलाओं द्वारा मनाया जाता था । फिर धीरे धीरे वहाँ की अन्य जाति की महिलाओं द्वारा भी यह पर्व मनाया जाने लगा ।

वर्तमान समय मे बट सावित्री की पूजा भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भारतीय महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख शांति के लिए मनाया जाता है ।