सुपौल/ अस्पताल में ऑक्सीजन व एम्बुलेंस के लिए मरीज व परिजन रहते हैं बेहाल
✍️ अमरेश कुमार, सुपौल
छातापुर (सुपौल) : एक तरफ लोग जहां कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है वहीं बिहार में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की तश्वीर लोगों को और भी मायूस कर रही है। मामला जिले के छातापुर प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ मरीज ऑक्सीजन के अभाव में तड़पता दिखाई दे रहा है। आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात डॉ एक बार देखने तक नहीं आते। जब मीडिया ने इसपर सवाल किया तो आनन फानन में मरीज को सदर अस्पताल सुपौल रेफर कर दिया। मामला यही तक नहीं रहा रेफर के बाद जब मरीज के परिजनों के द्वारा एम्बुलेंस की मांग की गई तो स्वास्थ्य कर्मियों ने एम्बुलेंस के लिए साफ मना कर दिया और प्राइवेट एम्बुलेंस या गाड़ी व्यवस्था करके जाने की सलाह दी। मरीज की नाजुक हालत को देखते हुए मजबूरी में परिजनों ने मोटरसाइकिल पर मरीज को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र छातापुर से बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल के लिए निकल पड़े। रास्ते में एक निजी किलिनीक के डॉक्टर ने इंसानियत दिखते हुए मरीज को बचाने की कोशिश में लग गया और प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया। जब मीडिया की टिम इस बात को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र छातापुर के चिकित्सा प्रभारी डॉ नवीन कुमार के पास पहुंचा तो वहाँ एम्बुलेंस खड़ी दिखाई दिया जब इस बात को लेकर डॉ नवीन कुमार से बात करने की कोशिश किया गया तो डॉ नवीन कुमार आनन फानन में एम्बुलेंस ड्राइवर को फोन करने तुरंत बुलाया ।ओर निजी क्लीनिक में इलाजरत मरीज को बेहतर ईलाज के लिए सदर अस्पताल सुपौल भेज दिया।