सुपौल/ कोरोना सम्बन्धी कार्यों में पदाधिकारियों के व्यस्त रहने के कारण अभियंता व ठेकेदार निर्माणकार्य मे बरत रहे अनियमितता
✍️ अमरेश कुमार, सुपौल
पिपरा (सुपौल) : कोरोनारूपी महामारी काल मे अभियंता और ठेकेदार अवसर की तलाश कर रहे हैं। अधिकारी की व्यस्तता का लाभ उठाने से ये लोग बाज नहीं आ रहे हैं। आज जब पूरी दुनियां कोरोना जैसी महामारी की चपेट में हैं। ऐसे समय मे योजनाओं में अनियमितता कर रुपये बटोरने में कुछ लोग जुट गए हैं। जबकि आलम ये है कि जिले में भी अब तक कोरोना से करीब दो दर्जन लोगों ने जान जा चुकी है। सरकार कोरोना से वचाव को लेकर तमाम तरह की कवायद कर रही है। बाबजूद फिलहाल कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।
ऐसे विकट समय ने भी कुछ लोग अवसर की ताक में है। ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सरकारी योजनाओं में जमकर लूट खसोट की जानकारी सामने आ रही है। ताजा मामला पिपरा प्रखंड के दिनापट्टी वार्ड नं 5 सखुआ टोला का है जहां स्थानीय कुलानंद झा, बौआ झा,आनंद कुमार, बबलू यादव, आदि लोगों ने बताया कि इन दिनों विधायक कोश से वहां एक यात्री सेड का निर्माण किया जा रहा है। खास बात ये भी है कि इस स्थल पर योजना से संबंधित बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। जबकि योजना पूर्ण होने की स्थिति में है। स्थानीय लोगों ने बताया कि स्थानीय क्षेत्र संगठन विभाग से लाखों की लागत से निर्मित किये गए इस यात्री सेड के निर्माण कार्य मे भारी पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। बताया गया है कि रात में यात्री सेड के जमीन का ढलाई किया गया और सुबह होते होते वो ढलाई क्रेक हो गया है। जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। योजना में व्याप्त अनियमितता की पोल तश्वीर खोल रही है। कि किस तरह योजनाओं के जमकर लूट खसोट की गई है। ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद मिस्त्री और मुंसी को भी इस बाबत शिकायत किया। लेकिन इस दिशा में कोई सुनने वाला उन्हें नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि तीन नंबर ईंट और लोकल बालू से किये गए इस यात्री सेड के निर्माण से उन्हें अंदेशा है कि निकट भविष्य में यह सेड कोई अप्रिय दुर्घटना को आमंत्रण न कर दे। जिसको लेकर ग्रामीण चिंतित है और उच्चाधिकारी से इस बाबत पहल करने की मांग की है। अब सवाल उठता है कि जब लोग एक तरफ महामारी से जूझ रहा है। ऐसे समय मे सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करके संवेदक और अभियंता घटिया निर्माण को बढ़ावा दे रहा है। और बड़े ही सफाई से बच कर निकलने की जुगत में लगे हैं। खास बात ये भी है कि चूंकि अभी उच्चाधिकारी कोरोना जैसे महामारी को लेकर आम लोगों की रक्षात्मक उपाय की दिशा में काम कर रहे हैं। ऐसे समय मे अवसरवादी अभियंता और संवेदक सरकार की राशि का न सिर्फ बंदरबांट करने में लगे हैं बल्कि योजनाओं में अनियमितता बरतने के साथ राशि का दुरुपयोग करने में लगे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने इसको लेकर कई जगह शिकायत करनी चाही। लेकिन कहीं उनकी शिकायत पहुँच नहीं पाई है। कोरोना को लेकर किये गए सख्ती के कारण लोग कहीं जा नहीं पाते हैं और मोबाइल से सूचना देने पर संबंधित विभाग के अभियंता फोन नहीं उठाते हैं। अब सवाल ये भी उठता है कि क्या कोरोना काल मे इसी तरह योजनाओं का संचालन मनमाने ढंग से किया जाता रहेगा या फिर इस दिशा में जांच और कार्रवाई भी होगी।
हमारे प्रतिनिधि ने जब इस बाबत विभागीय जेई कमलेश से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि वे वसंतपुर ब्लॉक का कार्य देखते हैं। उन्हें नहीं पता है कि पिपरा ब्लॉक का कार्य कौन देखता है। यह कहकर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया। जिसके बाद स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के एसडीओ मनीष कुमार से इस बाबत जानकारी लेनी चाही की योजना संचालन में किस तरह की अनियमितता बरती गई है। लेकिन उन्होंने भी फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। कुल मिलाकर विभागीय अभियंता इस योजना के सिलसिले में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।