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मोहाली/ फोर्टिस हैल्थकेयर की नई पहल : आरंभ हुआ ‘फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ ब्लड डिसार्डर्स’

ब्लड कैंसर एवं ब्लड डिसॉर्डर के विशेष उपचार के लिए शुरू की गई एडवांस इकाई

मोहाली : फोर्टिस हैल्थकेयर ने ‘फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ ब्लड डिसार्डर्स’ का शुभारंभ किया है । इस उन्नत सुविधा को ब्लड कैंसर एवं ब्लड संबंधी अन्य विकारों के विशेष उपचार के मकसद से शुरू किया गया है। यह पहल रक्त संबंधी विकारों के इलाज के लिए स्पेशलाइज्ड इंस्टीट्यूट शुरू करने की जरूरत को पूरा करती है। इंस्टीट्यूट में पिडियाट्रिक और जेरियाट्रिक केयर के अलावा उन्नत ट्रांसप्लांट तथा हिमोपैथोलॉजी जैसी एडवांस सुविधाओं को भी एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया गया है।

इंस्टीट्यूट में एक अत्याधुनिक सीएआर-टी सैल थेरेपी, (एक्टालिकैब्टाजीन ऑटोल्यूसेल), नेक्ससीएआर19 को भी उपलब्ध करायी गई है जिसे मोहाली, दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई तथा बेंगलुरु स्थित बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेंटर्स में भी लॉन्च किया गया है। फोर्टिस हैल्थकेयर ने यह पहल आईआईटी-बॉम्बे द्वारा स्थापित इम्यूनोएक्ट के सहयोग से शुरू की है, जो कि भारत में पहली पूर्ण रूप से स्वदेशी तथा व्यावसायिक जीन-मोडीफाइड सैल थेरेपी है। भारत की पहली बाजार अधिकृत सीएआर-टी सैल थेरेपी के तौर पर नेक्ससीएआर19 ने, 15 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों में बी-सैल लिंफोमा तथा बी-एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकीमिया के उपचार की उम्मीद जगायी है, जबकि इन मरीजों को अन्य उपचार विकल्पों से सीमित लाभ मिलता है।

डॉ आशुतोष रघुवंशी, एमडी एवं सीईओ, फोर्टिस हैल्थकेयर ने कहा, “फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ ब्लड डिसार्डर्स की शुरुआत करना देशभर में हमारे सभी बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेंटर्स की मेडिकल उत्कृष्टता और मरीज-केंद्रित देखभाल सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता दर्शाता है। सीएआर-टी सैल थेरेपी उपलब्ध कराकर हमने कई जटिल प्रकार के ब्लड कैंसर के उपचार के नए मानक पेश किए हैं। यह पहल सर्वोच्च स्तर के सटीक मेडिकल एवं विस्तृत हैल्थकेयर सॉल्यूशंस प्रदान करने के हमारे मिशन का अहम हिस्सा है।”

इस इंस्टीट्यूट को भारत समेत सार्क क्षेत्र में बोन मैरो ट्रांसप्लांट तथा ब्लड डिसॉर्डर उपचारों के सबसे बड़े केंद्रों में से एक के तौर पर मान्यता दी गई है। यहां 20 से अधिक प्रख्यात हिमेटोलॉजिस्ट, हिमेटो ओंकोलॉजिस्ट तथा स्टैम सैल ट्रांसप्लांट स्पेश्लिस्ट की टीम अब तक 2500 से अधिक सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट प्रक्रियाओं को अंजाम दे चुकी है और इस दौरान दुनियाभर 18 से अधिक देशों के मरीजों का उपचार किया गया।

डॉ राहुल भार्गव, प्रिंसीपल डायरेक्टर एंड चीफ बीएमटी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, ने ब्लड डिसार्डर के उपचार के लिए स्पेशलाइज्ड केयर की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, “तेजी से बदल रहे हिमेटो-ओंकोलॉजी के क्षेत्र में, विशेषज्ञता काफी महत्वपूर्ण है। भारत में ब्लड कैंसर के मामलों में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर, हमारा इंस्टीट्यूट इसके उपचार के क्षेत्र में मौजूदा कमियों को दूर करने के लिए तैयार है। हम सटीक डायग्नॉसिस के अलावा कारगर उपचार, एकीकृत रिसर्च के बलबूते मरीजों के लिए फायदेमंद पेशकश करने के लिए तैयार हैं। हमारी इस सुविधा में इनोवेटिव सीएआर-टी सैल थेरेपी समेत उन्नत तथा लक्षित थेरेपी के साथ-साथ मरीजों के लिए संपूर्ण देखभाल की सुविधा को उपलब्ध कराया गया है।”

इस अवसर पर डॉ वीरेंद्र यादव, चीफ मेडिकल ऑफिसर, गुरुग्राम तथा शिरीष आर्या, को-फाउंडर एवं डायरेक्टर ऑफ बिजनेस डेवलपमेंट एंड कार्पोरेट स्ट्रैटेजी ने भी अपने विचार सांझे किए।