चंडीगढ़/ एमएसयू द्वारा आयोजित कवि कोकिल विद्यापति स्मृति पर्व सह मैथिल मिलन समारोह हुआ सम्पन्न
टीम के संयुक्त प्रयास से हमारा कार्यक्रम सफल रहा : कार्यक्रम संयोजक आदित्य झा
समारोह में ट्राईसिटी के लोगों देखी मैथिली संस्कृति की झलक
मिथिला स्टूडेंट यूनियन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने उठाया मैथिली गीतों का लुत्फ
चंडीगढ़ : मिथिला स्टूडेंट यूनियन चंडीगढ़ ट्राईसिटी द्वारा रविवार को कवि कोकिल विद्यापति पर्व सह मैथिल मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मशहुर मैथिली गायको ने मैथिली गीत गाकर मिथिला की संस्कृति का गुणगान किया। इतना ही नही गायकों द्वारा कवि कोकिल विद्यापति की कुछ रचनाओं की भी प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई । दीप प्रज्वलन में मुख्य रूप से युवा व्यवसायी कृष्णा झा, संजय चौबे, रौशन झा आदि ने भूमिका निभाई । तत्पश्चात महाकवि विद्यापति रचित प्रसिद्ध देवी गीत जय जय भैरवी से सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय सेना में कर्नल के रूप में अपनी सेवा दे चुके प्रसिद्ध चिकित्सक, समाजसेवी, व्यवसायी व उद्योगपति डॉ डीएन झा ने शिरकत की । वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा टूर एंड ट्रेवल्स व्यवसायी कृष्णा झा उपस्थित रहे । मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के साथ साथ ट्राईसिटी के दर्जनों गण्यमान्य व्यक्तियों को आयोजक के द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया ।
मंच से यूनियन के ट्राईसिटी अध्यक्ष सुरजीत झा ने महाकवि विद्यापति के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला । मुख्य अतिथि ने मुख्य रूप मिथिला की संस्कृति को उजागर करने के यूनियन का साधुवाद किया । साथ ही कहा कि हम चाहे जहाँ भी चले जाए लेकिन अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ना चाहिए ।
इस अवसर पर यूनियन के संरक्षक सह कार्यक्रम संयोजक आदित्य झा व यूनियन के सुनील कुमार, नितीश कुशवाहा, पंकज झा, मंजीत झा, माधव दास, हेमंत झा व कृष्णदेव विद्यार्थी ने संयुक्त रूप से ने कवि कोकिल विद्यापति के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विद्यापति मैथिली और संस्कृत कवि, संगीतकार, लेखक, दरबारी और राज पुरोहित थे। उन्हें ’मैथिल कवि कोकिल’ (मैथिली के कवि कोयल) के नाम से भी जाना जाता है। महाकवि विद्यापति संस्कृत, अबहट्ठ, मैथिली आदि अनेक भाषाओं के प्रकाण्ड पंडित थे। शास्र और लोक दोनों ही संसार में उनका असाधारण अधिकार था। कर्मकाण्ड हो या धर्म, दर्शन हो या न्याय, सौन्दर्य शास्र हो या भक्ति रचना, विरह व्यथा हो या अभिसार, राजा का कृतित्व गान हो या सामान्य जनता के लिए गया में पिण्डदान, सभी क्षेत्रों में विद्यापति अपनी कालजयी रचनाओं के बदौलत जाने जाते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रसिद्ध मैथिल गायकों में विकास झा, सोनी चैधरी झा, निखिल महादेव झा, मधुलता मिश्रा, संजीव झा आदि ने अपने गायन से उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । कई गीतों पर तो अनेक झूमते व नृत्य करते भी देखे गए ।
मिथिला स्टूडेंड यूनियन द्वारा आयोजित इस सफल आयोजन में मुख्य रूप से अभिषेक मिश्रा, पप्पू झा, केशव झा, जीतू मिश्रा आदि का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा ।
आयोजन के पश्चात कार्यक्रम संयोजक आदित्य नाथ झा ने इस सफल आयोजन के लिए अपनी पूरी टीम का आभार व्यक्त करते हुए सबको बधाई दी । उन्होंने कहा कि सबके संयुक्त प्रयास से ही हमारा यह कार्यक्रम सफल हो पाया है ।