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जालंधर/ भारतीय सेना के पश्चिमी कमान (वज्र कोर) द्वारा कई कार्यक्रमों का किया गया आयोजन

कोर ने छावनी में रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) आपदा प्रबंधन अभ्यास, “पूर्व वज्र सहायता” का किया आयोजन

जालंधर : पश्चिमी कमान मुख्यालय के तत्वावधान में वज्र कोर द्वारा 16 और 17 अक्तूबर, 2023 को वज्र सहायता अभ्यास में एक रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) आपदा प्रबंधन अभ्यास आयोजित किया गया। 16 अक्तूबर, 2023 को एक टेबल टॉप अभ्यास आयोजित किया गया था। इस दौरान सेना की भाग लेने वाली इकाइयों में एनडीआरएफ की 7 और 13 बटालियन, एसडीआरएफ बटालियन और पंजाब राज्य नागरिक प्रशासन के प्रतिनिधियों ने सभी हितधारकों की भूमिका, जिम्मेदारियों, वर्तमान और भविष्य की क्षमता विकास पर विचार-विमर्श किया। रेडियोलॉजिकल और जैविक आपदा परिदृश्यों के लिए गतिशील स्थितियों पर चर्चा की गई और सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया और कार्यों को मान्यता दी गई।

17 अक्तूबर, 2023 को भारतीय सेना की विभिन्न टीमों को राज्य प्रशासन की मांग के आधार पर ‘दूसरे प्रतिक्रियाकर्ताओं’ के रूप में रासायनिक गैस रिसाव और आपदा को कम करने के लिए तैनात किया गया था। निजी उद्योगों की भागीदारी के साथ-साथ भारतीय सेना और राज्य एजेंसियों के पास मौजूद सीबीआरएन उपकरणों को प्रदर्शित करते हुए एक उपकरण प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

इस अभ्यास ने भारतीय सेना को ऐसी घातक आपदाओं के दौरान एनडीआरएफ और नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर अपनी प्रतिक्रिया और शमन तंत्र को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों की भागीदारी ने एक समन्वित और सामान्य प्रतिक्रिया रणनीति का विकास सुनिश्चित किया। इस अभ्यास से महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए जो सीबीआरएन आपदा की स्थिति में संयुक्त प्रतिक्रिया तंत्र सुनिश्चित करने और बेहतर तालमेल कायम करने में सहायता करेंगे।