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चंडीगढ़/ आरजे मानव और मिशान फाउंडेशन द्वारा बनाई गई शॉर्ट फिल्म “पेस्ट” राष्ट्रीय स्तर पर बटोर रही सुर्खियां

फिल्म ने कलकत्ता इंटरनेशनल कल्ट फिल्म फेस्ट में ‘बेस्ट एक्सपेरिमेंटल फिल्म’ का जीता अवॉर्ड

मुंबई के इंडियन सिने फेस्टिवल में ‘सर्टीफिकेट ऑफ एक्सीलेंस’ भी प्राप्त किया

चंडीगढ़ : ट्राइसिटी स्थित गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) मीशान फाउंडेशन और ट्रिपी लेंसेस द्वारा निर्मित और शहर के आरजे मानव आनंद आहूजा द्वारा लिखित शॉर्ट फीचर फिल्म पेस्ट को प्रमुख फिल्म फेस्ट्स में काफी अधिक तारीफ मिली है।

इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए, मीशान फाउंडेशन की संस्थापक- निदेशक डॉ. प्रभजोत गरूं बज्जू ने फिल्म की स्क्रीनिंग और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें फिल्म के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके साथ ही फिल्म को भारत के प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में पहले ही मिल चुकी पहचान के बारे में भी जानकारी साझा की गई। डॉ. बज्जू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘हमारी फिल्म पेस्ट ने हाल ही में आयोजित 74वें कलकत्ता इंटरनेशनल कल्ट फिल्म फेस्टिवल में ‘बेस्ट एक्सपेरिमेंटल फिल्म अवॉर्ड’ जीता है। फिल्म को 11वें भारतीय सिने फेस्टिवल-2023 मुंबई में सर्टीफिकेट ऑफ एक्सीलेंस भी मिला है। फिल्म का निर्माण मीशान फाउंडेशन और ट्रिपी लेंसेस द्वारा किया गया है।’’

यह फिल्म न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी कई फेस्टिवल्स में हिस्सा लेगी और इसे और भी व्यापक और वैश्विक पहचान मिलने की उम्मीद है।

फिल्म में मुख्य नायक की भूमिका रेडियो जॉकी से अभिनेता और लेखक बने मानव आनंद आहूजा- चंडीगढ़ के आरजे मानव ने निभाई है। आहूजा, जिन्होंने फिल्म की कहानी और इसकी पटकथा भी लिखी है, ने मीडिया से भी बातचीत की। मानव ने कहा कि ‘‘मैं मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता पर आधारित फिल्म पेस्ट के माध्यम से पुरुषों को महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी पहलुओं के बारे में जागरूक करना चाहता था। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्कूल के दिनों में लडक़ों को मासिक धर्म संबंधी शिक्षा से दूर रखा जाता है, जबकि स्पेशल लेक्चर्स सिर्फ गल्र्स स्टूडेंट्स को ही दिए जाते हैं। फिल्म का उद्देश्य इस ‘जागरूकता में कमी’ को दूर कर और पुरुषों को मासिक धर्म चक्र (पीरियड्स) के दौरान महिलाओं को होने वाले दर्द के बारे में शिक्षित करना है।’’

पेस्ट एक 8 मिनट लंबी सस्पेंस थ्रिलर है जो एक बहुत ही प्रासंगिक सामाजिक संदेश देती है। फिल्म की डायरेक्शन समर मन्होत्रा ने की है। इस फिल्म में एक्ट्रेस रीत कौर सोहल फीमेल लीड हैं। आशिमा चौहान फिल्म की क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं जबकि निरप जीत सिंह सिद्धू ने फिल्म की एडीटिंग की है।

मानव ने कहा कि मीशान फाउंडेशन और ट्रिपी लेंस ने फिल्म के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्योंकि फाउंडेशन को फिल्म में सामाजिक संदेश पसंद आया और उन्होंने इसे बनाने का फैसला किया।

डॉ. प्रभजोत ने बताया कि मीशान फाउंडेशन मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रबंधन और सैनिटरी पैड के सुरक्षित निपटान के बारे में जागरूकता फैला रहा है, जिसके लिए फाउंडेशन मासिक धर्म स्वास्थ्य अभियान ‘लेट्स नॉर्मलाइज द पीरियड टॉक’ के तहत लगातार सेशन आयोजित कर रही है। इस पूरी पहल का उद्देश्य पीरियड्स पर चर्चा को सामान्य बनाना है।

डॉ. प्रभजोत ने कहा कि ‘‘मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के अपने दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, हमने इसी विषय पर फिल्म पेस्ट के निर्माण को अपना पूरा समर्थन दिया है।’’

फिल्म के निर्देशक समर मन्होत्रा ने कहा कि ‘‘अब समय आ गया है कि हम उन मुद्दों पर बात करें जिन पर बात करने की जरूरत है। बजाय इसके कि उन्हें समाज द्वारा वर्जित करार दिया जाए। पुरुषों को भी मासिक धर्म चक्र के बारे में उचित ज्ञान देने की आवश्यकता है। हमारी फिल्म इस विषय पर पुरुषों को शिक्षित करेगी।’’

डॉ.प्रभजोत गरूं बज्जू ने अंत में कहा कि ‘‘ट्रिपी लेंसेस और मीशान फाउंडेशन की पूरी टीम मासिक धर्म चक्र से जुड़ी वर्जनाओं के बारे में बात करना चाहती है। और यह फिल्म ऐसी बातचीत के लिए स्थापित मानयताओं और बंदिशों को तोडऩे वाली साबित होगी।’’