सहरसा/ चिकित्सा पदाधिकारियों का ई-औषधि पर एक दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण सम्पन्न
औषधियों की अधियाचना, भंडार प्रविष्टि एवं वितरण पर दिया गया प्रशिक्षण
अपेक्षित सुधार के लिए जरूरी है ससमय इन्ट्री
सहरसा : जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, जिला अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारियों, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत भंडार कर्मी, प्रखंड स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कर्मियों को रेडक्रॉस सभागार में ई-औषधि पोर्टल पर एक दिवसीय रिक्रेशर प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर प्रशिक्षण दे रहे जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी दिनेश कुमार विभाकर, जिले के सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, भंडार कर्मी एवं अन्य मौजूद रहे। इस प्रशिक्षण के दौरान राज्य की ओर से खालिद असरद भी ऑनलाइन भाग लिया समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश उनके द्वारा भी दिया जाता रहा। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क मुहैया करायी जा रही औषधियों/शल्य सामग्रियों के भंडार संबंधी इस प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा भी की गई।
एक दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण दे रहे जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी दिनेश कुमार विभाकर ने बताया सरकारी अस्पतालों में मरीजों को निःशुल्क मुहैया करायी जा रही औषधियों/शल्य सामग्रियों की आपूर्त्ति एवं वितरण आदि का अनुश्रवण सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में ई-औषधि (ड्रग एण्ड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूसन मैनेजमेन्ट सिस्टम-डीभीडीएमएस) ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है। यह प्रणाली बिहार राज्य में वर्ष 2017 से स्वचालित है। ई-औषधि में आवश्यक औषधियों/ शल्य सामग्रियों की आपूर्त्ति हेतु ऑनलाइन अधियाचना (इण्डेन्ट) भेजने तथा औषधियों/ शल्य सामग्रियों की आपूर्त्ति प्राप्त होने के उपरान्त आपूरित औषधियों/ शल्य सामग्रियों की भंडार प्रविष्टि एवं एवं जिलान्तर्गत स्वास्थ्य संस्थानों में इन औषधियों/ शल्य सामग्रियों के वितरण की प्रविष्टि अद्यतन करने का प्रावधान निहित है। यहां तक कि ई-औषधि पोर्टल पर स्थानीय क्रय की प्रविष्टि करने हेतु तकनीकी सुविधा भी प्रदान की गई है।
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी दिनेश कुमार विभाकर ने बताया डीभीडीएमएस डैशबोर्ड के विभिन्न सूचकांकों में अपेक्षित प्रगति लाने हेतु सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में औषधियों/शल्य सामग्रियों की अधियाचना, प्राप्ति एवं आपूर्त्ति/वितरण की प्रविष्टि डीभीडीएमएस पर अचूक रूप से किया जाना अनिवार्य है। ताकि भंडार निर्गत एवं औषधियों के तिथिवाद जैसी विषम स्थिति से बचा जा सके। यह प्रशिक्षण इसी संदर्भ में दिया गया। उन्होंने यह भी बताया जिले में कार्यरत सभी चिकित्सा पदाधिकारी हालांकि इस तथ्य से पूरी तरह अवगत हैं, फिर भी विभाग में पदस्थापित नये चिकित्सा पदाधिकारी एवं इस कार्य से संबंधित अन्य नये कर्मियों के आने के बाद यह प्रशिक्षण अनिवार्य प्रतीत हो रहा था।