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मोहाली/ फेफड़ों में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण फेफड़ों का कैंसर होता है : डॉ दिगंबर बेहरा

✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़

नियमित रूप से धूम्रपान करने वाले 50 साल से ऊपर के लोगों को हर वर्ष लो डोज सीटी स्कैन के साथ फेफड़ों के कैंसर की जांच करानी चाहिए : डॉ दिगंबर बेहरा

मोहाली : फेफड़े (लंग्स)का कैंसर सबसे आम कैंसर है और हर वर्ष दुनिया भर में कई लोगों की जान लेता है। यह पुरुषों में कैंसर के प्रमुख रूपों में से एक है, जो कि उनके सिर-गर्दन के क्षेत्र में होता है। हमारे देश में महिलाओं को प्रभावित करने वाला पांचवां सबसे आम कैंसर है। यह बात फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में पल्मोनरी मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ दिगंबर बेहरा यहां आयोजित एक विशेष सत्र के दौरान जानकारी देते हुए बताई। 1 अगस्त को वल्र्ड लंग कैंसर डे होता है जिसपर डॉ दिगंबर बेहरा ने फेफड़ों के कैंसर को रोकने के लिए कारण, लक्षण, निदान और उपचार के विकल्प बताए हैं। इस वर्ष वल्र्ड लंग कैंसर डे -2022 का थीम ‘क्लोज द केयर गैप’ है।

सत्र के दौरान डॉ बेहरा ने बताया कि फेफड़ों में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण फेफड़ों का कैंसर होता है जो आसपास के ऊतकों में फैल जाता है। यह किसी व्यक्ति के श्वसन अंगों को बाधित कर सकता है जिसका शीघ्र निदान महत्वपूर्ण है ताकि उपचार जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।
धूम्रपान को फेफड़ों के कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक बताते हुए, डॉ बेहरा ने कहा कि तंबाकू से संबंधित उत्पादों का उपयोग फेफड़ों के ऊतकों और ऑक्सीजन को अंदर लेने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। तंबाकू के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड होता है और यह गैस 4,000 कार्सिनोजेन्स (कैंसर पैदा करने वाले तत्वों) के अलावा रक्त में ऑक्सीजन को सीमित कर सकती है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जो नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं, उन्हें हर साल लो डोज वाले सीटी स्कैन के साथ फेफड़ों के कैंसर की जांच करानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि फेफड़ों के कैंसर के प्रमुख लक्षणों में खांसी, थूक में खून, सीने में दर्द, बुखार, कमजोरी, थकान, अस्वस्थता, भूख न लगना और वजन कम होना शामिल हैं। फेफड़े के कैंसर का निदान लैब टेस्ट, पीईटी/सीटी स्कैन, ब्रोंकोस्कोपी और एंडोब्रोनचियल अल्ट्रासाउंड (ईबीयूएस) के माध्यम से किया जा सकता है।

फेफड़े के कैंसर की चिकित्सा में मुख्य रूप से सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी शामिल हैं। डायग्नोस्टिक सुविधाएं पूरे देश में उपलब्ध हैं। टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी उन्नत चरणों में भी फेफड़ों के कैंसर के उपचार में सबसे नवीनतम डवलपमैंट है।