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दरभंगा/ कर्णगोष्ठी महिला ग्रुप का ऐतिहासिक द्विदिवसीय महामिलन उत्सव आगामी 1 एवं 2 जुलाई को

जुबली हॉल एवं श्यामा माई विवाह भवन में आयोजित होगा कार्यक्रम

देश – विदेश के लगभग 500 सदस्यों के पहुँचने की संभावना

कई विशिष्ट व्यक्तियों को भी किया जाएगा सम्मानित

सामारोह को ऐतिहासिक बनाने के होगा कई तरह के कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन

गृह उद्योग व हस्तकला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगाया जाएगा प्रदर्शनी सह विक्रय स्टॉल


दरभंगा : कर्णगोष्ठी महिला ग्रुप द्वारा प्रथम बार आगामी 1 एवं 2 जुलाई को महामिलन उत्सव मनाया जाएगा । यह उत्सव दिनांक 1 जुलाई को जुबली हॉल एवं अगले दिन 2 जुलाई को श्यामा माई विवाह भवन परिसर में आयोजित होगा । वैसे तो क्षेत्रीय स्तर पर ग्रुप के सदस्यों द्वारा लगातार अंतराल पर मिलन सामारोह का आयोजन किया जाता रहा है पर पहली बार इस तरह का महामिलन उत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमे भारत के साथ साथ अन्य देशों के भी लगभग 500 महिलाएँ शामिल हो रही हैं । ज्ञात हो कि इस ग्रुप में एक दर्जन से अधिक देशों के आधिकारिक / अनाधिकारिक रूप से लगभग 12 हजार कर्ण कायस्थ महिलाएँ जुड़ी हुई है ।


कर्णगोष्ठी महिला ग्रुप की संस्थापिका अध्यक्षा सुनीता दास ने बताया कि इस महामिलन को ऐतिहासिक बनाने के लिए उनकी टीम कमर कस चुकी है । उनकी पूरी टीम पिछले कुछ दिनों से सामारोह को सफल बनाने के लिए लगातार मेहनत कर रही है । आगे उन्होंने कहा कि इस महामिलन का मुख्य उद्देश्य एक दूसरे से मजबूती से जुड़ना व कर्णगोष्ठी की महिलाओं की प्रतिभाओं को उज़ागर करते हुए उनकी प्रतिभा / कला को जन जन तक पहुँचाने का प्रयास करना है ।

सामारोह के प्रथम दिन अधिकांश महिलाएँ लाल परिधान में जुबली हॉल में उपस्थित रहेंगी । लाल रंग को शुभ माना जाता है इसलिए लाल परिधान में अधिकांश महिलाएँ उपस्थित होकर इस शुभ कार्य का श्रीगणेश करेंगी । भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा अर्चना व दीप प्रज्वलन के साथ इस महामिलन उत्सव की शुभ शुरुआत की जाएगा । अगले दिन अर्थात 2 जुलाई को अधिकांश महिलाएँ हरे परिधान में श्यामा माई विवाह भवन परिसर में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढाएंगी । हरा रंग हमारी हरी भरी धरती व संस्कृति को दर्शाता है । साथ ही बरसात के मौसम में हरा रंग महिलाओं के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है । हो सकता है इन्हीं कारणों से सामारोह के दूसरे दिन महिलाओं द्वारा कार्यक्रम में हरा परिधान पहनने का निर्णय लिया गया हो ।

सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान मिथिला एवं मैथिली के लिए कार्य करने वाले कई विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा । खास बात यह है कि सम्मान पाने वालों में सिर्फ कर्ण कायस्थ ही नहीं बल्कि अन्य समुदाय के लोग भी शामिल हैं । सम्मान पाने वालों में श्रीमती माला झा, श्री भैरव लाल दास, श्री रंगनाथ चौधरी, श्री दास पुष्कर, श्री बीके कर्ण आदि का नाम प्रमुख है ।

सामारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रत्येक दिन सदस्यों एवं उनके सहयोगियों के द्वारा कई प्रकार रंगारंग व कलात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा । इन कार्यक्रमों के माध्यम से कर्णगोष्ठी के महिलाओं एवं उनके पारिवारिक सदस्यों की प्रतिभाओं को मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा ।

दोनों ही दिन कार्यक्रम स्थल पर कर्णगोष्ठी की महिलाओं द्वारा कई स्टॉल लगाए जाएँगे । इन स्टालों के माध्यम से मिथिला पेंटिंग, सिकी कला, घरेलू अचार, पापड़ आदि कई तरह के उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ साथ बिक्री भी की जाएगी ।