अररिया/ पंचवटी साहित्यिक मंच द्वरा जयंती पर याद किए गए महाकवि सूरदास
कवि सुरेश कंठ के कविता संग्रह “जाग उठी इंसानियत” का भी किया गया विमोचन
शीघ्र ही ई कॉमर्स साइटों पर भी उपलब्ध होंगी कवि सुरेश कंठ की पुस्तकें
फारबिसगंज (अररिया) : गुरुवार को कवि सुरेश कंठ के आवास (कोशी शिविर, बथनाहा) पर उनकी ही अध्यक्षता में पंचवटी साहित्यिक मंच के बैनर तले महाकवि सूरदास की जयंती मनाई गई । इस अवसर पर उनके द्वारा रचित कविता संग्रह “जाग उठी इंसानियत” का प्रबुद्ध साहित्य जनों के बीच विमोचन भी किया गया ।
कार्यक्रम के आरंभ में हेमंत यादव “शशि ” बाल साहित्यकार के द्वारा महाकवि सूरदास के बारे में संक्षिप्त रूप से प्रकाश डाला गया और उनके द्वारा कहा गया कि सूरदास जी का जन्म 1478 ई० में और मृत्यु 1583 ई० में हुई थी जब उनकी उम्र 105 वर्ष थी । उनके द्वारा रचित पुस्तक “सबसे बड़ी है मानवता” और “नन्हा चित्रकार” पुस्तक को भी लोगों के बीच वितरित किया गया ।
विनोद कुमार तिवारी ने भी अपना बहुमूल्य समय देकर इस जयंती पर महान भक्ति कवि सूरदास पर प्रकाश डाला और उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य काव्य कृतियां सूरसागर, सुरसारावली और साहित्य लहरी है ।
निर्मल कुमार पंडित ने भी इस अवसर पर कवि सुरेश कंठ द्वारा रचित “जाग उठी इंसानियत” पुस्तक पाकर बड़े ही उत्सुकता से स्वागत किया और पुस्तक के बारे में खुलकर अपना विचार व्यक्त किया गया।
कवि सुरेश कंठ ने अपने द्वारा रचित पुस्तक “जाग उठी इंसानियत” के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि यह उनकी तीसरी पुस्तक है । इससे पूर्व “दो टूक रोटी” एवं “उपवन में फूल खिले” के रूप में उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । आगे उन्होंने बताया कि वे अपनी पुस्तकों को ई कॉमर्स साइटों पर उपलब्ध करवाने के लिए भी प्रयासरत हैं । ऐसा हो जाने पर उनकी पुस्तकों को सुगमता से लोगों के बीच लाया जा सकेगा ।
उक्त अवसर पर कवि सुरेश कंठ के साथ साथ विनोद कुमार तिवारी , हेमंत यादव” शशि”, डॉ ० निर्मल कुमार पंडित, ठाकुर प्रसाद शर्मा, कृष्णानंद ठाकुर, दिलीप समदर्शी , निरंजन सिंह आदि अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे।