सहरसा/ डीएम की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक
परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के उपयोग पर दिया गया बल
नियमित टीकाकरण के लक्ष्यों की प्राप्ति को दिये आवश्यक दिशा निर्देश
सहरसा : सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की सतत् अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अपेक्षित है। इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षात्मक बैठक जिला पदाधिकारी -सह- अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति की अध्यक्षता में कल जवाहर विकास भवन सभागार में आयोजित की गई। जिसमें सिविल सर्जन डा. के.के. मधुप, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. रविन्द्र कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. रितेश कुमार सिंह, जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विनय रंजन, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक राहुल किशोर, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी कंचन कुमारी, सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक उत्प्रेरक, डब्ल्यूएचओ के आरआरटी डा. पुनित, यूनिसेफ से एसएमसी मजहरूल हसन, बंटेश नारायण मेहता, यूएनडीपी के भीसीसीएम मोहम्मद मुमताज खालिद, केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक श्रवण कुमार के प्रतिनिधि सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।
परिवार नियोजन के अस्थायी साधानों के उपयोग पर दिया गया बल-
जिलाधिकारी आनंद शर्मा की अध्यक्षता में अयोजित समीक्षात्मक बैठक में सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं पर विन्दुवार समीक्षा की गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आंकड़ों का प्रस्तुतिकरण जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी कंचन कुमारी एवं केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक श्रवण कुमार द्वारा किया गया। इस दौरान परिवार नियोजन संबंधी योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के उपयोग पर अधिक बल देने की आवश्यकता है। इसके लिए सामुदायिक स्तर पर कार्य कर रहे आशा कार्यकत्ताओं को चाहिए कि वे पात्र दम्पतियों से सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। जिससे दो बच्चों का जन्म अंतराल बढ़ाया जा सके। वहीं प्रसवोपरान्त परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों पीपीआईयूसीडी व पीपीटीएल को बढ़ावा दिया जाय। इसके लिए संस्थागत प्रसव के दौरान केन्द्रों पर आयी महिलाओं से संवाद स्थापित करते हुए जागरूक किया जाय एवं पीपीआईयूसीडी व पीपीटीएल की सुविधा उन्हें उपलब्ध करायी जाय। कमजोर पैदा हुए नवजातों के संबंध में भी जिलाधिकारी द्वारा कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये।
नियमित टीकाकरण के लक्ष्यों की प्राप्ति को दिये आवश्यक दिशा निर्देश-
नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा इसके लिए प्रखंड स्तर पर प्रत्येक मंगलवार को बैठक आयोजित करते हुए सर्वे रजिस्टर एवं ड्यू लिस्ट अनिवार्य रूप से अद्यतन किया जाय। इसके लिए संबंधित आशा कार्यकत्ताओं से भी समन्वय स्थापित करते हुए समझ विकसित किया जाय। ताकि जनहित में सरकार द्वारा चालयी जा रही स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं में से अतिमहत्वपूर्ण इस योजना का लाभ सामुदयिक स्तर पर घर-घर तक हो सके। नवजातों को कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के ये टीके सुनिश्चत तौर पर लग पायें।