News4All

Latest Online Breaking News

चंडीगढ़/कोलकाता : स्वर सप्तक सोसायटी द्वारा बसंत पंचमी के दिन आयोजित किया गया वर्चुअल सांगीतिक कार्यक्रम

✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़

मां सरस्वती के मधुर भजनों से गुंजायमान हुआ वर्चुअल मीट

चंडीगढ़ / कोलकाता : मां सरस्वती पर आधारित वीणा वादिनी वर दे नामक रंगारंग संगीत कार्यक्रम का वर्चुअल आयोजन स्वर सप्तक सोसायटी, चंडीगढ़ व  कलकत्ता की अध्यक्ष व शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी डॉ संगीता चौधरी के नेतृत्व में आयोजित किया गया जिसमें संगीत के विद्यार्थियों ने मां सरस्वती पर आधारित मधुर भजन गाकर समां बांधा और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायिका विदुषी विनीता गुप्ता उपस्थित रहीं। जिनका सभी ने भव्य स्वागत किया और इस कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज करवाने पर आभार प्रकट किया।

इस कार्यक्रम में डॉ संगीत चौधरी के विद्यार्थी जो कि देश व विदेश में हैं, ने उत्साहपूर्ण तरीके से भाग लिया। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ संगीत चौधरी ने माता सरस्वती के  श्लोक के साथ की जिसके उपरांत डॉ चौधरी के विद्यार्थियो ने एक के बाद एक अपनी संगीत की प्रस्तुतियां दी। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अपने भजनों में, रिषित भारद्वाज ने किसने बनाया फूलों को ईश्वर, जो स्वर्ग में है बखूबी प्रस्तुत किया जबकि विद्यार्थी रिहाना कौशल ने हम को मन की शक्ति देना, अहाना रॉय ने मां सरस्वती शारदे, अर्घद्वीप चौधरी ने वीणा वादिनी वर दे, जबकि अंजली सूरी ने राग मुल्तानी में एक सुंदर बंदिश प्रस्तुत की। वहीं स्वपना दत्ता ने विद्रोही कवि काज़ी नजरूल इस्लाम रचित जिनकी मैं पायल रूण-झुण  बखूबी प्रस्तुत किया। सुनीता कौशल ने द्रुत ख्याल में राग बहार की प्रस्तुति दी जबकि मनीषा घोष ने जय जय जय मां सरस्वती,  ममता गोयल ने हे शारदे मां, तृप्ति गुप्ता ने रविन्द्र नाथ टैगोर की रचना ओ रे भाई भागुन बंगाला गीत, सुमन चढ्ढा जयती जय मां सरस्वती, डॉ संगीता चौधरी ने कार्यक्रम के अंत में राग भैरवी पर आधारित  शारदा विद्या दानी बखूबी प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुईं प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायिका विदुषी विनीता गुप्ता ने कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि बसंत पंचमी का यह त्योहार ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

इस अवसर पर स्वर सप्तक सोसायटी, चंडीगढ़ व  कलकत्ता की अध्यक्ष व शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी डॉ संगीता चौधरी कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है जो कि संगीत जगत में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने बताया कि स्वर सप्तक सोसाइटी की स्थापना 1987 में उनके पिता स्वर्गीय श्री निर्मलेंदु चौधरी द्वारा की गई थी। श्री निर्मलेंदु चौधरी मुखर शास्त्रीय संगीत में उस्ताद थे। स्वर सप्तक सोसाइटी के अध्यक्ष भी थे। जबकि उनकी माता स्वर्गीय श्रीमति मंजू चौधरी प्रसिद्ध गायक स्वर्गीय हेमंत मुखर्जी के  छात्रा रही हैं। उन्होंने बताया कि सोसायटी प्रति वर्ष इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आगाज़ करती आई और भविष्य में भी करती रहेगी। इस कार्यक्रम का संचालन अंजली सूरी ने किया था।