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दरभंगा/ एम्बुलेंस के अभाव में प्रसव पीड़िता मृतका के न्याय हेतु MSU का अनिश्चितकालीन अनशन शुरू

✍️ हरिमोहन चौधरी, दरभंगा (बिहार)

 

घनश्यामपुर (दरभंगा) : कल दिनांक 30 जून से विगत दिनों सीएचसी घनश्यामपुर पर एम्बुलेंस के अभाव में हुई मृत्यु के न्याय हेतु मिथिला स्टूडेंट यूनियन का अनिश्चितकालीन अनशन शुरू हुआ । अनशन पर संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरज कुमार झा एवं प्रखंड कॉर्डिनेटर वीरेंद्र कुमार अपने साथियों के साथ बैठे हुए हैं ।

विदित हो कि गत 6 जून रविवार के रात्रि सीएचसी घनश्यामपुर में अस्पताल के कुप्रबंधन की वजह से पुनहद गाँव के सोहन दास की पुत्री सविता कुमारी की मृत्यु हो गई। प्रसव के लिए सीएचसी पहुंची प्रसूति को देर रात डीएमसीएच रेफर किया गया एवं उक्त समय ना तो अस्पताल पर एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था थी ना ही प्रबंधन के लिए कोई जिम्मेदार पदाधिकारी उपस्थित थे। एम्बुलेंस की व्यवस्था के लिए अस्पताल के कर्मचारी लगातार अस्पताल प्रबंधक को संपर्क करने का प्रयास करते रहे लेकिन उन्होंने प्रत्युत्तर नहीं दिया गया । गरीब अबला परिवार के लोग अपने साथ गए आशा कार्यकर्ता के साथ रात के 2 बजे निजी एम्बुलेंस की व्यवस्था करने निकले लेकिन व्यवस्था नहीं हो पाई । उधर प्रसूति के शरीर से लगातार खून निकलता गया और अंततः उनकी मृत्यु हो गई । मृतका की नवजात बच्ची को वहाँ की कुव्यवस्था ने जन्म के साथ ही अनाथ बना दिया ।

इधर अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु के बाद अपने ऊपर होनेवाले संभावित कारवाई से बचने के लिए बदहवास में रो रहे मृतका के परिजन से कागजात पर जबरन अंगूठा लगवा लिया । इस मामले में दोषियों पर कारवाई एवं पीड़ित परिवार को मुआवजा देने जैसे मांगों को लेकर एमएसयू लगातार आंदोलनरत है ।

विगत 22 जून को एमएसयू कार्यकर्ताओं ने सीएचसी घनश्यामपुर परिसर में धरना दिया था । धरना स्थल पर वार्ता करने आए अंचलाधिकारी घनश्यामपुर ने धरनार्थियों से आग्रह कर एक सप्ताह का समय लिया था और एक सप्ताह के भीतर जाँच पूर्ण कर मामले में दोषी अधिकारियों एवं पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की कार्रवाई पूर्ण करने का लिखित आश्वासन दिया था । परन्तु आश्वासन के अनुरूप कोई कारवाई नहीं हुई ।

अनशन पर बैठे एमएसयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरज कुमार झा ने कहा कि अस्पताल की कुव्यवस्था और जिम्मेदार पदाधिकारियों की लापरवाही की वजह से एम्बुलेंस के अभाव में एक गरीब परिवार की बेटी ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। प्रशासन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बजाए उन्हें दोषमुक्त साबित करने पर तुली हुई है । गत 22 जून को हुए धरना के क्रम में हमें दोषियों पर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का लिखित आश्वासन दिया गया लेकिन कारवाई के उलट यहाँ लगातार पीड़ित परिवार, गवाहों को धमकाने, राजनीतिक-सामाजिक- मानसिक दवाब बनाने एवं साक्ष्यों को मिटाने का काम किया गया।

पीड़ित परिवार का बयान सार्वजनिक है, घटना के रात प्रसव पीड़िता के साथ आई आशा कार्यकर्ता का बयान सार्वजनिक है जिसमें वो लोग लगातार कह रही हैं कि हमने सीएचसी घनश्यामपुर से डीएमसीएच रेफर किए जाने के बाद प्रसव पीड़िता को ले जाने हेतु अस्पताल से एम्बुलेंस की माँग किया गया, लेकिन अस्पताल से एम्बुलेंस नहीं दिया गया। इसके बाद हम 2 बजे रात को आशा कार्यकर्ता निजी गाड़ी की व्यवस्था करने के लिए निकले। जबतक निजी गाड़ी की व्यवस्था होती पीड़िता ने दम तोड़ दिया। पूरे घटनाक्रम के अवधि में अस्पताल के प्रभारी और प्रबंधक अगर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते तो आज वो जीवित होती होती । साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी घटनाक्रम खुली किताब की तरह है और पूर्णतः स्पष्ट हो रहा है कि अस्पताल के पदाधिकारियों की लापरवाही की वजह से ही प्रसव पीड़िता की मृत्यु हुई लेकिन राजनीतिक दवाब में पूरा प्रशासनिक महकमा मामले की लीपापोती कर रफा-दफा करना चाहती है। इस बार हम आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। जब तक दोषी पदाधिकारी पर तत्काल कार्रवाई एवं पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के दिशा में कार्य नहीं किया जाएगा, हम अनशनरत रहेंगे ।

वहीं दूसरे अनशनकारी एमएसयू के प्रखंड कॉर्डिनेटर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि हमें ये समझ मे नहीं आ रहा कि आखिर प्रशासन को कार्रवाई करने में क्या समस्या हो रही है। स्वयं डीएम साहब ने मामले पर संज्ञान लेते हुए 9 जून को तत्काल प्रभाव से दोषी अस्पताल प्रबंधक एवं प्रभारी का स्थानांतरण कर दिया लेकिन बाद में अज्ञात कारणों से उनका तबादला स्थगित दिया गया एवं 10 जून को जाँच टीम गठित कर जाँच के उपरांत आगे की कार्रवाई करने की बात कही गई। आज 20 दिन हो गया लेकिन किसी प्रकार की कारवाई नहीं होना प्रशासन के मंशा को स्पष्ट कर रही है कि वो कैसे मामले को दबाया जा रहा है। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे । प्रशासन को हर हाल में दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करना होगा । इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं किया जाएगा ।

मौके पर पीड़िता के पिता सोहन दास, संगठन के जिला उपाध्यक्ष राघव झा, जिला प्रवक्ता मोहित झा, वरिष्ठ अभिवावक संजय झा, प्रखंड कोषाध्यक्ष अनन्त झा, जुगन कुमार, चन्दन कुमार, आलोक झा समेत दर्जनों अन्य लोग मौजूद रहे।