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पंचकूला/ विश्व जागृति दिवस पर पेटेंट फ्री वैक्सिन संकल्प कार्यक्रम का स्वदेशी जागरण मंच ने किया आयोजन

: न्यूज़ डेस्क :

मानवता की पुकार-वैक्सी सबका अधिकार

विश्व व्यापार संगठन करें कोविड वैक्सीन को पेटेंट मुक्त

UAVM एम पिटीशन (यूनिवर्सल एक्सेस टू वैक्सीन एंड मेडिसिन याचिका) पर किए देश-विदेश से 14 लाख लोगों ने हस्ताक्षर किए ।

विश्व के 20 देशों में भी अभियान हुआ व 130 कुलपति सहित 2200 उच्च शिक्षाविदों ने भी हस्ताक्षर किए ।

 

पंचकूला : स्वदेशी जागरण मंच द्वारा (अथवा यू वी ए एम टीम द्वारा) रविवार को विश्व जागृति दिवस के रूप में पेटेंट फ्री वैक्सीन संकल्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें मंच व अन्य संस्थाओं से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने (अनेक स्थानों में) कोविड वैक्सीन को सर्व सुलभ बनाने के लिए इसे पेटेंट मुक्त करने के लिए पोस्टर्स व बैनर हाथ में लेकर इसमें भाग लिया । इस अवसर पर मुख्य वक्ता/अतिथि के रूप में बोलते हुए श्री विशाल सैनी ने कहा कि वैश्विक मानवता आज कोविड-19 के रूप में एक अभूतपूर्व संकट व त्रासदी का सामना कर रही है । पिछले लगभग 1 वर्ष में दुनिया भर में 37 लाख से अधिक और भारत में 3.4 लाख से अधिक लोगों की कोविड-19 से असमय मृत्यु हो गई है । इजरायल, यूएस, यूके, नार्वे आदि देशों ने अपनी वयस्क आबादी के बहुमत का टीकाकरण करके ताजा संक्रमण और कोरोना से होने वाली मौतों को नियंत्रित किया है । लोगों को कोरोना से बचाने के लिए दुनिया को करीब 14 अरब वैक्सीन डोज की जरूरत है, जबकि पिछले लगभग 6 महीनों में सभी आठ फार्मा कंपनी द्वारा कोविड टीकों कि केवल 200 करोड़ रोज का ही उत्पादन किया जा सका है । वर्तमान दर पर दुनिया की योग्य आबादी को टीका लगने में दो-तीन साल और लग सकते हैं, जबकि पहले से ही टीका लगाए गए लोगों को पुनः नए कोरोना वेरिएंट से संक्रमित होने से बचाने के लिए 10-12 महीनों के समय में सभी देशों की योग्य आबादी का टीकाकरण करना जरूरी है । इसका अर्थ है कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं रहेगा जब तक की सभी सुरक्षित नहीं हो ।

कोविड टीकों के बड़े पैमाने पर उत्पादन में रुकावट विश्व व्यापार संगठन के ट्रिप्स के प्रावधानों के तहत आने वाले पेटेंट कानून और बौद्धिक संपदा अधिकार है जो अन्य फार्मा कंपनियों को इन टीकों के निर्माण की अनुमति नहीं देते हैं । दुनिया की 7. 87 अरब आबादी को कोरोना के चंगुल से बचाने के लिए वैक्सीन और दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए पेटेंट कानूनों में ढील देने की जरूरत है ।

UAVM (यूनिवर्सल एक्सेस टू वैक्सीन एंड मेडिसिन) अभियान सभी के लिए कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराने हेतु उच्च शिक्षा संस्थानों और स्वदेशी जागरण मंच जैसे सामाजिक संगठनों के सदस्यों की एक टीम द्वारा दो ऑनलाइन याचिकाओं के माध्यम से दुनियाभर में शुरू किया गया है, एक याचिका कुलपति या समकक्ष जैसे प्रख्यात व्यक्तियों के लिए और दूसरी अन्य लोगों के लिए । पहली याचिका पर देश के 2000 से अधिक प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने हस्ताक्षर किए और दूसरी याचिका पर भारत और विदेशों से 14 लाख से अधिक व्यक्तियों द्वारा 16 जून तक हस्ताक्षर किए गए हैं । इन याचिकाओं के माध्यम से अपील की गई है कि (1) विश्व व्यापार संगठन पेटेंट फ्री वैक्सीन के लिए ट्रिप्स के प्रावधानों में छूट दे (2) वैश्विक दवा कंपनियां स्वेछिक रूप अन्य फार्मा कंपनियों को कोविड 19 के टीके बनाने की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित पेटेन्ट मुक्त अधिकार दे (3) सरकारें अपने संप्रभु अधिकारों का प्रयोग कर अधिक दवा फर्मो को टीके बनाने का लाइसेंस दे और (4) संबंधित व्यक्ति और संगठन मानवता हेतु अभियान का समर्थन करें ।

विश्व व्यापार संगठन ने 9 जून 2021 को अपनी बैठक में 60 से अधिक देशों द्वारा समर्थित भारत और दक्षिण अफ़्रीका के वैक्सीन निर्माण को बढ़ाने के लिए ट्रिप्स के प्रावधानों में छूट के प्रस्ताव को फास्ट ट्रैक से अंतिम रूप देने के लिए एक टेक्स्ट (मसौदा) आधारित प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है । यह भारत में UAVM जैसे अभियानों और दुनिया में इसी तरह के अन्य अभियानों द्वारा उत्पन्न जनता के दबाव के कारण संभव हुआ है ।

इस मुद्दे पर अधिक जागरूकता और समर्थन सुनिश्चित करने और डब्ल्यूटीओ द्वारा ट्रिप्स छूट को अंतिम रूप देने तक अधिक सार्वजनिक दबाव उत्पन्न करने के लिए, यूएवीएम अभियान ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए 20 जून, 2021 को विश्व जागृति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है । इस दिन पेटेंट मुक्त संकल्प कार्यक्रम भारत के विभिन्न शहरों और विश्वविद्यालयों/कॉलेजों और दुनिया के कई देशों में प्रदर्शनों/प्रेस ब्रीफिंग/संगोष्ठियों/वेबिनार आदि के रूप में क्षेत्र के कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों, प्रेस और मीडिया के लोगों की उपस्थिति में किये जाएंगे । स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित रविवार का यह कार्यक्रम भी इसी की एक कड़ी है ।