अररिया/ गरैया नदी में पुल निर्माण की माँग तेज : ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
: न्यूज़ डेस्क :
फारबिसगंज (अररिया) : प्रखंड अंतर्गत गंजभाग अड़राहा पंचायत के आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को गरैया नदी में पुल निर्माण की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। गरैया नदी में पुल नहीं बनने से ग्रामीण आक्रोशित हैं। पुल नहीं रहने के कारण कई गांवों के लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों, सांसद-विधायक से लेकर पंचायत के जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई, पर उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला। ग्रामीणों को सबसे ज्यादा गुस्सा सांसद व विधायक पर है। उनका कहना है कि वोट के लिए सभी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं। पर, उनकी समस्या के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं करते हैं।
पुल निर्माण की मांग को लेकर नदी के घाट के किनारे सैकड़ो ग्रामीण ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जिसका नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव ने किया। प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि गरैया नदी पर पुल नहीं रहने से वर्षों से हम लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है कई बार नदी में डूबने से बच्चे की जाने भी चली गई। बरसात के मौसम में यह परेशानी दोगुनी हो जाती है और कई दिनों तक बरसात होती है तो घरों में रहने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 से ही नदी पर पुल निर्माण की मांग की जा रही है. इसके लिए कई बार ग्रामीणों ने स्थानीय सांसद, विधायक तक को आवेदन दिया, लेकिन अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव ने कहा कि नदी हर साल तबाही मचाता है। यहाँ के लोगों की काफी परेशानी होती है उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द पुल निर्माण नहीं हुआ तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होगा। प्रभात ने कहा कि जुलाई से जब नदी का तांडव शुरू होता है तो 3 महीना तक कई बार बाढ़ आ जाता है जिनके कारण हर साल वहाँ के किसान का फसल बर्बाद हो जाता है,यहाँ तक कि घर घर पानी घुस जाता है। सड़के टूट जाती है, पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है। खेतो में कितने दिनों तक पानी लगा रहता है। बाढ़ के कारण फसल बर्बाद हो जाता है लेकिन कभी भी उनका मुआवजा नहीं मिलता है।
सरकार तो हमेशा किसानों की आय दुगुनी करने की हवा-हवाई बात करते रहते है लेकिन आज तक ना किसानों की आय दुगुनी हुई और ना ही उनको बाढ़ से निजात मिला। यहाँ तक कि तय कीमत भी नहीं मिलता है। नदी में पुल नहीं होने के कारण किसानों को खेत जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लोग नदी को तैरकर पार करते है, यहाँ तक कि ट्रेक्टर आदि का जाना-आना मुश्किल हो जाता है, बैलगाड़ी से फसल लाना पड़ता है। जिनको तैरने नहीं आता उनके लिए खतरों से खाली नहीं होता नदी पार करना। ज्यादा पानी रहने पर किसान फसल खेत में ही छोड़ देते है जब तक कि पानी कम न हो जाय जिनके कारण फसल खेत मे ही नष्ट हो जाता है।
नदी के घाट पर पुल बनने से लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। मौके पर विरोध प्रदर्शन में सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव, छेदीलाल ऋषिदेव, मुकेश ऋषिदेव, टुराय ऋषिदेव, शिवनारायण ऋषिदेव, देवनारायण ऋषिदेव, लुटन ऋषिदेव, सहदेव ऋषिदेव, जुगेश ऋषिदेव, सदानंद ऋषिदेव, बहादुर ऋषिदेव, चुलिहा देवी, लखिया देवी, रमिया देवी, लुटिया देवी सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे।