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मोहाली/ बेंजीन-फ्री भारत’ विषय पर विशेष जागरुकता सत्र का हुआ आयोजन

बेंजीन ‘हानिकारक रसायन’, जिसका उपयोग बर्तन धोने वाले साबुन और डिटर्जेंट में नहीं किया जाना चाहिए: विशेषज्ञ

मोहाली : लोगों को बेंजीन के हानिकारक प्रभावों से बचाने के उद्देश्य से, मोहाली नगर निगम के सहयोग से पाओस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को ‘बेंजीन-फ्री भारत’ पहल की शुरुआत की। इस नई पहल का उद्देश्य सभी लोगों में बेंजीन के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना है, जिसको ‘लीनियर अल्काइल बेंजीन सल्फोनिक एसिड (एलएबीएसए)’ से लिया जाता है, और ये कई बर्तन धोने वाले साबुन और तरल पदार्थों में पाया जाने वाला एक सामान्य सर्फेक्टेंट है। एलएबीएसए को कैमिकल प्रोसेस के माध्यम से बेंजीन से प्राप्त किया जाता है।

‘बेंजीन फ्री भारत’ पहल के तहत मोहाली के सेक्टर 69 स्थित कम्युनिटी सेंटर में बेंजीन के दुष्प्रभावों पर जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। इस सेशन के मुख्य अतिथि मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह सिद्धू थे, जबकि मोहाली नगर निगम के आयुक्त टी. बेनिथ (आईएएस) गेस्ट ऑफ ऑनर थे। इस दौरान उनके साथ मोहाली नगर निगम के असिस्टेंट कमिश्नर राजीव कुमार तथा जॉइंट कमिश्नर, मोहाली दीपांकर गर्ग (पीसीएस) भी उपस्थित थे।
यह उल्लेखनीय है कि भारत में डिटर्जेंट निर्माता अपने उत्पादों में एलएबीएसए का उपयोग कर रहे हैं, जबकि बेंजीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

संजीव बंसल, मैनेजिंग डायरेक्टर, पाओस इंडस्ट्रीज ने कहा कि सफाई उत्पादों में झाग बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बेंजीन स्वास्थ्य को लेकर कई तरह के गंभीर खतरे पैदा करता है, जिसमें एक्जिमा, चकत्ते और छाले जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं शामिल हैं। लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कैंसर भी हो सकता है, क्योंकि इन उत्पादों से साफ किए गए बर्तनों के माध्यम से बेंजीन के अंश मानव शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि पाओस में हमारा मिशन स्वस्थ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल सफाई समाधान बनाना है। इस पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य डिटर्जेंट में बेंजीन के उपयोग को खत्म करना है और इंडस्ट्री, सरकार और नागरिकों से इस महत्वपूर्ण कार्य में हमारे साथ जुड़ने का आग्रह करना है। समस्या का समाधान सुझाने के लिए पूछे जाने पर बंसल ने कहा कि निर्माताओं द्वारा इसका उपयोग बंद करने के लिए नैतिक तौर पर कदम उठाना समय की मांग है और उन्हें अपने उत्पादों में एलएबीएसए का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, “बाजार में हमारे सभी उत्पाद एलएबीएसए फ्री हैं क्योंकि हम प्राकृतिक तेलों का उपयोग करते हैं।उन्होंने कहा कि बीआईएस को बेंज़ीन को प्रतिबंध लगाना चाहिए, और सरकार इस पर कोई कार्यवाही नही करती तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

अमरजीत सिंह सिद्धू, मेयर, नगर निगम, मोहाली ने कहा कि मुझे बताया गया है कि कई स्टडी और रिसर्च पेपर्स से पता चलता है कि बेंजीन और इसके डेरिवेटिव का उपयोग हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, और इसलिए भारत को इससे बचाने की आवश्यकता है। मोहाली नगर निगम ने ‘बेंजीन फ्री भारत’ जागरूकता अभियान में भाग लिया, क्योंकि उन्हें पता चला कि कैसे कुछ डिटर्जेंट उत्पाद लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि इस अभियान को लोगों का समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि बेंजीन-फ्री भारत अभियान हमारे नागरिकों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने के हमारे लक्ष्य के अनुरूप है।

इस मौके पर टी.बेनिथ, कमिश्नर, (आईएएस), मोहाली नगर निगम ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है, और बेंजीन के जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना सही दिशा में एक कदम है।

इस सेशन में विशेषज्ञों द्वारा बेंजीन के मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने और इस समस्या से निपटने के लिए उपलब्ध समाधानों पर विचार दिए। सेशन में भाग लेने वाले लोगों को डब्ल्यूएचओ द्वारा बेंजीन को स्वास्थ्य के लिए खतरा बताए जाने से संबंधित एक वेब-लिंक के अस्तित्व के बारे में बताया गया। इसके अलावा, विशेषज्ञों ने सभी मौजूद लोगों को बताया कि जापान, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट और अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के रिसर्च पेपर्स के लिंक भी इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।