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पंचकूला/ द कॉमन्स एट बेला विस्टा ने “थोड़ा दें, बहुत बदलें” (गिव ए लिटिल, चेंज ए लॉट) दान अभियान का किया शुभारंभ

पंचकूला : भोजन, कम्युनिटी सहभागिता और बच्चों की गतिविधियों के लिए एक वाइब्रेंट हब, द कॉमन्स एट बेला विस्टा, में ट्राइसिटी के दो प्रमुख गैर सरकारी संगठनों, पुकार और युवा स्तंभ के साथ साझेदारी में अपने दूसरे वार्षिक दान अभियान, “थोड़ा दें, बहुत बदलें” (गिव ए लिटिल, चेंज ए लॉट) का शुभारंभ हुआ । कॉमन्स के एम्फीथिएटर के केंद्र में स्थापित, यह पहल ट्राइसिटी कम्युनिटी के भीतर एकता और सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए अपनी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इस वर्ष का ध्यान बच्चों के लिए कपड़े, किताबें और खिलौने सहित आवश्यक वस्तुओं को इकट्ठा करने पर है। कम्युनिटी योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए एम्फीथिएटर में कलेक्शन बक्से रखे हैं । एक बार इनके भर जाने के बाद, एकत्र वस्तुओं को लोकल कम्युनिटी में अपने प्रभावशाली काम के लिए प्रसिद्ध दो गैर सरकारी संगठनों, पुकार और युवा स्तंभ को वितरित किया जाएगा। इन एनजीओस के सदस्य इन चीजों को आगे जरूरतमंदों तक पहुंचाएंगे।

नानकी अरोड़ा सिंह, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर,द कॉमन्स एट बेला विस्टा ने कहा कि “द कॉमन्स में हम समुदाय की शक्ति में विश्वास करते हैं।” “जैसा कि हम कहते हैं, ‘थोड़ा दें, बहुत कुछ बदलें’, उदारता के सबसे छोटे कार्य भी किसी के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इस दान अभियान के माध्यम से, हम ट्राइसिटी समुदाय को दयालुता और करुणा का प्रभाव पैदा करने में हमारे साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। हर योगदान मायने रखता है।”

ऋषभ मोहन, जनरल मैनेजर, द कॉमन्स ने कहा कि “हर साल, हम ट्राइसिटी कम्युनिटी से उदारता में बढ़ोतरी देख रहे हैं, और यह वास्तव में उत्साहजनक है। यह पहल एक दान अभियान से कहीं अधिक है; यह हमारी साझा मानवता का उत्सव है। हम सभी को बदलाव लाने में हमारे साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।”

इस सफल प्रयास में भागीदारी कर रहे गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए। पुकार की शिवानी रैना ने कहा कि “इस तरह की पहल कम्युनिटी भावना का सार है। हमें मिलने वाले योगदान जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा और कल्याण में बहुत मदद करते हैं। हम द कॉमन्स और ट्राइसिटी के लोगों के उनके निरंतर समर्थन के लिए बहुत आभारी हैं।”

युवा स्तंभ के उपेंद्र ने इस तरह की पहल के व्यापक प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “दान केवल सिर्फ उपयोग की चीजों का उपहार नहीं हैं; वे आशा और एकजुटता की अभिव्यक्ति है । इस अभियान के माध्यम से एकत्र की गई प्रत्येक वस्तु किसी के जीवन में खुशी और कुछ बेहतरी लाने की क्षमता रखती है। हम इस नेक काम का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।”

यह भी उल्लेखनीय है कि 2024 का दान अभियान एक जबरदस्त सफलता थी, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों और आयु समूहों से 1,500 से अधिक पुस्तकें दान की गईं। इसके अलावा, कपड़े, खिलौने और अन्य आवश्यक वस्तुओं से भरे 24 बक्से वितरित किए गए – प्रत्येक वस्तु कम्युनिटी की उदारता और एक व्यापक बदलाव लाने की इच्छा का प्रमाण है।

कॉमन्स के मिशन के केंद्र में ऐसे स्थान बनाने का विश्वास है जहां कम्युनिटी विकसित और फल-फूल सकें। यह दान अभियान उस सोच की एक साकार अभिव्यक्ति है, जो नियमित रूप से आने वाले लोगों और आगंतुकों को ज़रूरतमंदों की मदद करने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है।

दान अभियान इस समय पूरी सक्रियता से चल रहा है, और कॉमन्स सभी को दयालुता की इस पहल में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हम एक साथ मिलकर उन लोगों को खुशी और राहत दे सकें जिन्हें इसकी सबसे अधिक ज़रूरत है।