चंडीगढ़/ नार्थ इंडिया एन्टी करप्शन एंड क्राइम प्रीवेंशन आर्गेनाइजेशन की एक विशेष बैठक सम्पन्न
ऑर्गेनाइजेशन ने ई टी ओ सार्थक कोहली पर लगाए गंभीर आरोप
चंडीगढ़ : नार्थ इंडिया एन्टी करप्शन एंड क्राइम प्रीवेंशन आर्गेनाइजेशन की एक अहम बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक की अध्यक्षता में चण्डीगढ़ मै सम्पन हुई। इस दौरान हरियाणा एक्साइज टैक्सेशन विभाग में किए गए रुपए 740 करोड के पूर्व आई ए एस समीरपाल सरो के दामाद ई टी ओ सार्थक कोहली घोटाले का पर्दाफाश करने पर चर्चा की गई।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए यशपाल मलिक ने बताया कि जो जे जे पी नेता पूर्व उप मुख्यमन्त्री दुष्यन्त सिह चौटाला के सहयोग से यह घोटाला हुआ। क्योकि सेल्स टैक्स विभाग में पानीपत मैं तैनाती के दौरान ई टी ओ सार्थक कोहली ने सी फार्म गुम कराकर विभाग के पद पर बैठकर सरकार के खजाने को चुना लगा चुका है। जिसमें इसार बाज़ार के डीलर व हरियाणा में पूर्व DGP CID के पद पर काम कर चुके भष्ट्र पुलिस अधिकारी पी वी राठी (आई पी एस) के दलाल गुलशन धमीजा पुत्र अमर लाल निवासी, पानीपत व इसके सहयोगी की भी अहम भूमिका रही है। क्योंकि पानीपत में फर्जी फर्म बनाकर सी फार्म घोटाला हुआ ।
RR. International फ़र्म के मालिक रमेश कुमार द्वारा डाले गए कोर्ट केस में ई टी ओ सार्थक कोहली पेश होकर इस कर्म के मालिक द्वारा लिए गए कार्म अपने होने से मना कर दिया और कहा कि जो फार्म विभाग के अधिकारी दिखा रहा है। वह कार्य मेनै किया ही नही है। इस ई टी ओ नै मेरे नकली हस्ताक्षर कर पासवर्ड आई डी बदलकर यह कार्यवाही की गई। इतना ही नहीं अन्य फार्म पारस इंटरनेशनल और शिवानी इंटरनेशनल में बजी यह कार्रवाई की गई है। इसने इन फर्मों के अतिरिक्त काफी फर्म के आई डी बदलवाकर चे टैक्स की कार्यवाही की गई।
इसके बाद इस ई टी ओ का तबादला कर दिया गया। जिसके बाद थाना चादनी बाग में वर्ष 2019 में काकी केस दर्ज हुए। क्योंकि इस ई टी ओ ने फर्जी व्यक्ति को सही दिखाकर फर्मों के पासवर्ड बदलकर कई बार बिना सत्यापन के कार्यवाही की। इस घोटाले की भनक आई ए एस अमित अग्रवाल को लगने पर इन्होंने तुरंत ईमानदार डी ई टी सी जितेंद्र राजन व अशोक पांचाल की कमेटी से जांच कराई। जिसमे दोषी होने पर कार्यवाही के लिए सरकार के पास फ़ाइल भेजी गई।जिसपर ई टी सी दीपक शर्मा के विरूद्ध मुकदमा नम्बर 675 दिनांक 11-07-2019 को दर्ज हो गया। लेकिन ई टी ओ सार्थक कोहली आई ए एस समीरपाल सरो का दामाद होने के कारण बच गया।
इतना ही नही इस अधिकारी ने पानीपत में अपनी पत्नी डॉक्टर निहारिका सरों कोहली के नाम नियमो से बाहर जाकर कोठी नम्बर 5 अलॉट कराई और उस कोठी पर शराब रखने और बेचने का लाइसेंस लिया तथा नकली शराब बेचने का कारोबार करने लगा। पानीपत में हुआ यह शराब घोटाला इसकी देन रही है। जिसकी शराब की सप्लाई से काफी लोगों की मौत हुई। सरकार द्वारा इसका बचाव करने के कारण हमने एक शिकायत लोकायुक्त न्यायालय में डाली । लोकायुक्त न्यायालय ने उचित तौर पर जांच कराई। उस जांच में ई टी सी हरियाणा अशोक मीना आई ए एस ने जांच में 100.14 करोड़ का इसे दोषी करार दिया गया।
दोषी करार के देने के बाबजूद डिप्टी सी एम दुष्यंत चौटाला ने इस व्यक्ति से रिश्वत लेकर डी ई टी सी के पद पर प्रमोशन देकर भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को एमएसडी करके 5 वर्ष तक सरकारी खजाने को लूटने का काम किया। क्योंकि इस ई टी ओ ने न केवल पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा देकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश की, बल्कि इस प्रकार की कार्यवाही करके आम जनता में सरकार की भय व भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को फैल करने का काम किया। क्योंकि नकली शराब चाहे हरियाणा में बेचने का कारोबार हो या सी फार्म घोटाला हो, सभी इस ई टी ओ से डी ई टी सी बने सार्थक कोहली व इसके सहयोगी वीरेंद्र शर्मा लोकायुक्त पुलिस दलाल गुलशन धमीजा व सतप्रकाश गर्ग, पूर्व अपर सचिव पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई एस आई सहयोगी सुबेर खान इस करोड़ों रुपए के गबन की साजिश में शामिल है। क्योंकि देश का वित्त मंत्रालय भी इसकी रिकवरी के आदेश जारी कर चुका है।जिस कारण इस 740 करोड़ के गबन में शामिल सभी लोगों के विरुद्ध पुलिस केस रजिस्टर्ड कराकर इस रिश्वत की राशि की रिकवरी करने व सर्विस रूल 2016 के तहत ई टी ओ से डी ई टी सी बने सार्थक कोहली की डिप्टी सी एम द्वारा रिश्वत लेकर कराई गई नियुक्ति को रद्द कराया जाए और इस पैसे की रिकवरी इनकी संपति से की जाए।
इस अवसर पर संस्था के सदस्य बूटा सिंह तारांवाली, मलकीत सिंह, मयंक मलिक, दीदार सिंह, प्रीतम दास, गुरप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह, बूटा राम, रंजीत कुमार, गुरजीत सिंह, कुलदीप सिंह और सतनाम सिंह उपस्थित थे।