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चंडीगढ़/ हनुमान-रावण और अंगद-रावण संवाद दृश्य ने श्रद्धालुओं के बीच बांधा समां

✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़

हनुमानजी ने लंका में लगाई आग, अंगद का पैर उठने में असफल रहे रावण दरबारी

8 साल आयु से रामलीला में विभिन्न पात्र निभा रहे दो भाई नितेश व ऋषि धौलाखंडी

चंडीगढ़ : उत्तराखंड रामलीला कमेटी, मौली कॉम्प्लेक्स द्वारा आयोजित द्वारा रामलीला में हनुमान-रावण और अंगद-रावण संवाद के दृश्यों को कलाकारों द्वारा बखूबी मंचित किया गया।

इन दृश्यों में दिखाया गया की हनुमान जी द्वारा जब अशोक वाटिका को तहस नहस किया गया उसके बाद अक्षय कुमार का वध किया गया तब रावण के आदेश पर मेघनाथ ने हनुमान जी को बंदी बनाकर लंका ले गए, लंका में रावण और हनुमान के बीच संवाद हुआ जिसके उपरांत रावण ने हनुमान की पूछ में आग लगाने का आदेश दिया जिसके फल स्वरूप हनुमान ने रावण जला कर राख कर दी।

अगले दृश्य में श्री राम जी ने युवराज अंगद को रावण के समक्ष संधि का प्रस्ताव लेकर भेजा। अंगद ने हर प्रकार से रावण को समझाने की कोशिश की लेकिन अंगद की किसी भी बात का रावण पर कोई असर नहीं हुआ , फिर अंगद ने अपनी शक्ति का परिचय दिया रावण के दरबार का कोई भी योद्धा अंगद का पांव नहीं उठा सका।

कमेटी के निर्देशक हरीश डंडरियाल ने बताया कि रावण की भूमिका नरेश धौलाखंडी, हनुमान की भूमिका राहुल बिष्ट द्वारा की गई वहीं दूसरी और रावण अंगद अंगद संवाद देखकर सभी दर्शकों ने बखूबी आनंद लिया जिसमें अंगद की भूमिका अजय गुसाईं तथा रावण का अभिनय नरेश धौलाखंडी द्वारा किया गयाl

उत्तराखंड रामलीला कमेटी में दो पात्र ऐसे हैं जिन्होंने 6 और 7 वर्ष की उम्र में भगवान श्री राम के जीवन से प्रभावित होकर रामलीला में अपना अभिनय करना शुरू कर दिया। प्रभु राम की भूमिका में नितेश धौलाखंडी व लक्ष्मण की भूमिका ऋषि धौलाखंडी निभा रहे हैं। वे बताते है कि वे ताऊ चाचा के बेटे हैं। घर में सदैव ही पाठ पूजा से कर्म हुआ करते थे। नितेश बताते हैं कि उनके पिता रावण की भूमिका पिछले 26 वर्षो से करते आ रहे है जब उन्होंने यह देखा तो उन्होंने भी रामलीला में अभिनय करने का विचार बना लिया। शुरू शुरू में उन्हें सुग्रीव जी की सेना में वानर की भूमिका निभाने का काम मिला लेकिन जैसे जैसे समय आगे चला तो दोनों भाईयों को राम, लक्ष्मण, सीता की भूमिका को निभाने का भी मौका मिला।

अब नितेश 25 वर्ष के हैं और ऋषि 23 वर्ष के है, वे बताते हैं कि घर में भी वे दोनों भाई मिलकर रहते हैं और एक दूसरे का आदर करते हैं। उन्होंने बताया कि यदि उन्हें रामलीला के मंच से बाहर अभिनय करने का मौका मिला तो वे नहीं करेंगे। क्योंकि उन्हें रामलीला में अभिनय करना ही पसंद है।