चंडीगढ़/ बर्खास्त पुलिस कर्मियों ने मुख्यमंत्री से मदद की लगाई गुहार
आलाधिकारियों के वर्बल आर्डर का कर्मी को मानना पड़ता है आदेश और भुगतने पड़ते हैं दुष्परिणाम
चंडीगढ़ : पुलिस परिवार कल्याण एसोसिएशन (पंजीकृत) पंजाब के सदस्यों ने चंडीगढ़ में मंगलवार को प्रेस के समक्ष अपने साथ हुई धक्काशाही का खुलासा करते हुए आलाधिकारियों पर उन्हें यूज एंड थ्रो करने के आरोप लगाए हैं। इनमें से कुछ तो बेचारे नौकरी बहाली की उम्मीद में मौत को प्राप्त कर चुके हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह घोत्रा ने बताया कि सभी मुलाजिम आलाधिकारियों के आदेशों से बंधे होते हैं। उन्हें जो भी आर्डर दिए जाते है, उन्हें मानने के लिए वो बाध्य होते है। अधिकारियों की तरफ से ज्यादातर आदेश वर्बल ही दिए जाते हैं। जिन्हें मानना उनकी मजबूरी होता है। कुछ अनहोनी होने पर पुलिसकर्मी फंसता है, आलाधिकारी पल्ला झाड़ कर साफ बच जाते हैं। आलाधिकारी कर्मियों को यूज एंड थ्रो वाली पालिसी पर इस्तेमाल करते हैं।
भूपिंदर सिंह घोत्रा ने बताया कि 1294 पुलिसकर्मी पर बर्खास्त चल रहे है, जिनमे से काफी हद तक तो नौकरी कर रहे है। इनमें से कुछ के मामले जांच अधीन, अंडर ट्रायल है। इनमें से कुछ को गैर हाजिर रहने और धारा 311 के अधीन जबरन बर्खास्त किया गया है। जबकि कुछेक को तो क्लीन चिट मिल गई है, लेकिन अभी तक उन्हें बहाल नही किया गया है और वो बहाली की इंतजार करते करते दुनिया को भी अलविदा कह गए और न ही उनके परिवार में से किसी को भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गई। जबकि 32 पी पी एस/आई पी एस ऐसे है, जिन पर पर्चे दर्ज हैं, लेकिन वो अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ ऐसी बेइंसाफी क्यों। उन्हें क्यों नही बहाल किया जा रहा।
भूपेंद्र सिंह घोत्रा ने बताया कि बर्खास्त पुलिसकर्मियो की बहाली हेतु माननीय मुख्यमंत्री पंजाब, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मामले एवं न्याय विभाग पंजाब तथा माननीय पुलिस महानिदेशक पंजाब चंडीगढ़ से अनुरोध किया गया था कि पुलिस बर्खास्त कर्मचारियों को अनुकंपा के आधार पर बहाल किया जाए।इसके लिए हरपाल सिंह चीमा को मांग पत्र सौंपा गया था। मांग पत्र पंजाब सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया था। अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री से मिलने का अनुरोध किया गया, लेकिन किसी ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात को परवान चढ़ाने की कोशिश नहीं की। इसके विपरीत, जब भी मुख्यमंत्री जालंधर से आते थे, तो प्रधान भूपिंदर सिंह को घर पर ही नजरबंद करके रखा जाता था। हम सरकार से मांग करते हैं कि माननीय मुख्यमंत्री पंजाब सरकार के साथ उनके प्रतिनिधि मंडल लोगों की एक बैठक की जाए ताकि हम मिलकर सभी समस्याओं से या मुख्यमंत्री साहब के कार्यालय के माध्यम से उन्हें अवगत करा सकें। उन्होंने कहा कि आर्डर जारी कर बर्खास्त कर्मचारियों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। ताकि वो सभी अपने परिवार का भरण पोषण उचित तरह से कर सकें। बर्खास्त होने के चलते न ही उनके फण्ड रिलीज किये गए है और न ही उन्हें पेंशन दी जा रही है। उन्हें अपना घर परिवार चलाने में बड़ी ही दिक्कत आ रही है।