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मोहाली/ चितकारा यूनिवर्सिटी में आयोजित “चितकारा लिट फेस्ट 2024” में मुख्य भूमिका में रहे जाने माने लेखक अंकुर वारिकू

मोहाली : चितकारा यूनिवर्सिटी ने अपने पंजाब और हिमाचल परिसर में तीन दिवसीय कार्यक्रम “चितकारा लिट फेस्ट 2024” का 22 से 24 फरवरी तक आयोजन किया। यह लिटरेचर फेस्टीवल आज के समय में साहित्य, संस्कृति और विचारों के गहरे प्रभाव के इर्द-गिर्द घूमता रहा। इस महोत्सव ने अलग अलग विचारों और दृष्टिकोणों के साहित्यकारों को एकजुट किया और उन्हें सार्थक संवाद और सीखने के लिए एक मंच प्रदान किया।

इस कार्यक्रम में ढेर सारी साहित्यिक चर्चाएँ और सांस्कृतिक आदान-प्रदान आयोजित किए गए। इस गतिशील संवाद में योगदान देने वाली प्रतिष्ठित आवाज़ों में से एक अंकुर वारिकू थे, जो एक आकर्षक वक्ता, इनोवेटिव उद्दमी और प्रशंसित किताब “डू एपिक शिट” के लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
इसके अतिरिक्त, उत्सव में ज़ैक ओ’येह जैसी जानी मानी हस्तियां भी शामिल हुईं, जो साहित्य और सांस्कृतिक टिप्पणियों में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं; महेक मिर्ज़ा प्रभु और रोशेल पोटकर,भी कार्यक्रम में आए जो अपनी अनूठी कहानी कहने की शैली के लिए प्रतिष्ठित हैं। साहित्य और इतिहास संरक्षण के क्षेत्र की दिग्गज महिला किश्वर देसाई ने भी अपनी भागीदारी से इस उत्सव को समृद्ध किया।

अंकुर वारिकू ने अपनी विशेषज्ञता और अनुभवों के जरिए साहित्य, संस्कृति और विचारों के क्षेत्र में और ज्यादा जानकारियों को हासिल करने के लिए लोगों के बीच में उत्साह को और प्रेरित किया। उन्होंने बदलते परिदृश्य के बीच खुद को फिर से खोजने के महत्व पर चर्चा की, आधुनिक कथाओं को आकार देने में डिजिटलीकरण, सोशल मीडिया और विकसित प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर जोर दिया। विशेष रूप से, भारत के डिजिटल परिदृश्य पर चर्चा में वारिकू का योगदान दर्शकों को गहराई से पसंद आया। प्रौद्योगिकी, रचनात्मकता और उद्यमिता के बीच आकर्षक अंतरसंबंधों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, चितकारा लिट फेस्ट ने देश के लगातार विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्यों की खोज की है। हालाँकि, आधुनिक प्रगति की खोज के बीच, वारिकू ने कहानी कहने और साहित्य के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “मैं महोत्सव के आयोजकों और उपस्थित लोगों के प्रति अपनी हार्दिक सराहना व्यक्त करता हूं और बौद्धिक जिज्ञासा और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने में ऐसी सभाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को जानता हूं। मैं बौद्धिक विमर्श को बढ़ावा देने और साहित्य और विचारों की परिवर्तनकारी शक्ति का जश्न मनाने की अटूट प्रतिबद्धता के लिए भी चितकारा यूनिवर्सिटी की सराहना करता हूं। वारिकू ने कहा कि यह आयोजन केवल साहित्यकारों का जमावड़ा नहीं है, बल्कि यह ज्ञान और समझ की खोज के लिए हमारी साझा मानवीय भावना का एक प्रमाण है।

इस अवसर पर, चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डॉ. मधु चितकारा ने कहा, “अंकुर वारिकू की भागीदारी इस फेस्टिवल की भावना – साहित्य और बौद्धिक संवाद के माध्यम से मानवीय स्थिति की खोज- को उजागर करती है। उनकी अंतर्दृष्टि डिजिटल युग को अपनाने की हमारी थीम से गहराई से मेल खाती है। अपने स्पष्ट विचारों के माध्यम से, अंकुर ने न केवल प्रौद्योगिकी और साहित्य के बीच संबंध के बारे में हमारी समझ को गहरा किया है, बल्कि कहानी कहने की शक्ति के लिए हमारे अंदर नए सिरे से उत्सुकता भी पैदा की है। उन्होंने लिट फेस्टिवल को परिभाषित करने वाली बौद्धिक जिज्ञासा की भावना का भी प्रदर्शन किया जो कि हमें याद दिलाता है कि साहित्य न केवल हमारी मानवता के लिए दर्पण के रूप में बल्कि इनोवेशन और कनेक्टिविटी के उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करता है।

चितकारा लिट फेस्ट 2024 के तीसरे और आखरी दिन के कार्यक्रम चंडीगढ़ में सेक्टर 25 स्थित चितकारा इंटरनेशनल स्कूल परिसर आयोजित किये जायेंगे जिसमें अपनी कहानी कहने और विचारोत्तेजक भाषणों के लिए प्रसिद्ध फिल्म निर्माता इम्तियाज अली , बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता आशीष विद्यार्थी और भारतीय पौराणिक कथाओं की गहन खोज के लिए जाने जाने वाले प्रसिद्ध लेखक अक्षत गुप्ता भाग लेंगे ।