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चंडीगढ़/ डाॅ सुभाष सेठी की ’टू लव लेटर्स (अनडिलीवर्ड)’ कहानी संग्रह का हुआ विमोचन

✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़

चंडीगढ़ : डॉ. सुभाष सेठी की कहानी संग्रह – टू लव लेटर्स (अनडिलीवर्ड) का विमोचन संवाद साहित्य मंच, चंडीगढ़ तत्वाधान में रविवार को किया गया। इस अवसर मुख्य अतिथि के तौर पर वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज और विशिष्ठ अतिथि के रूप में साहित्यकार डाॅ विनोद शर्मा, डाॅ सरिता मेहता, दलजीत सिंह, अजैब औझला उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध लेखिका विमला गुगलानी ने किया।

पुस्तक ’टू लव लेटर्स (अनडिलीवर्ड)’ पर बोलते हुए डाॅ सुभाष सेठी ने कहा कि प्यार अंधा होता है, लेकिन कभी-कभी उलझा हुआ होता है। और यह तब और पेचीदा हो जाता है जब आप अपने किसी खास से अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाते।

कहानी संग्रह पर अपने विचार रखते हुए प्रेम विज ने कहा कि कहानी संग्रह की कहानियां आस पास के जीवन से ली गई हैं। पाठक पढ़ता हुआ इन्हें अपनी कहानियां समझने लगता है। डाॅ विनोद शर्मा ने पुस्तक के बारें में कहा कि जो भी वास्तविक रूप् में लिखा जाता है वह इतिहास बन जाता है। उन्होंने लेखक की छः कहानियों को काव्य रूप में प्रस्तुत किया। डाॅ सरिता मेहता ने कहा कि अच्छा है कि आंखों को पलकों ने छुपा रखा है वरना इन आंखों में हजारों अफसाने छुपे हैं। इनके अलावा डाॅ सुभाष सेठी की बेटी निशा, उनके पति डाॅ प्रदीप चिन्ना, बेटा मधुर सेठी व उनकी बहु आंचल सेठी ने भी अपने विचार प्रकट किए।

इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। जिसमें कवि राजेश, नीरू मित्तल, कंचन भल्ला, सरिता मेहता, किरण सेतिया, विमला गुग्लानी, प्रेम विज, विनोद शर्मा व अन्य शामिल थे।

किताब के बारे में जानकारी देते हुए डॉ सुभाष सेठी ने कहा, “मेरी किताब, टू लव लेटर्स (अनडिलीवर्ड) वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित है। कॉलेज लाइफ में जब हर युवक को किसी न किसी छात्रा पर क्रश होता है तो वह उसे बताना तो चाहता है लेकिन हिम्मत नहीं कर पाता। इसलिए, वह एक पत्र लिखता है लेकिन उसे कभी नहीं भेजता, यह मानते हुए कि उसे यह पसंद नहीं आएगा। उन्होंने आगे कहा, यही कहानी का सार ळें “लेकिन कहानी में अचानक मोड़ आता है, जब कई सालों के बाद, वह किसी दोस्त के माध्यम से फिर से मिलती है और उसे लड़की के पति के दुखद निधन के बारे में बताया जाता है। वह फिर से उसे एक पत्र लिखता है लेकिन फिर उसके परिवार और अपने परिवार और सामाजिक बंधनों के बारे में सोचते हुए पत्र नहीं भेजता है, इसलिए यह कहानी एक दुखद नोट पर समाप्त होती है।

पुस्तक के लेखक जीरकपुर में एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर हैं और उन्होंने दस साल तक पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज में मेडिकल ऑफिसर के रूप में काम किया है, जिसके बाद उन्होंने डबवाली में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। डॉ. सेठी जीरकपुर चले गए जहां उन्होंने सेठी हाॅस्पिटल की खोला।

लेखक डाॅ सेठी एक प्रसिद्ध डॉक्टर होने के अलावा एक लेखक और कवि भी हैं। पुस्तक की विभिन्न कहानियों में शामिल हैं, मिशन एनोनिमस, द प्रोटोकॉल, कॉन्साइंस प्रीवेल्स, डिजिटल लव, और प्लेजेंट एनकाउंटर, इसके अलावा निश्चित रूप से टू लव लेटर्स (अनडिलीवर्ड)। उन्होंने अंग्रेजी में ’द लास्ट किटी’ और पंजाबी में ’अनकहे रिश्ते’ (अनटोल्ड रिलेशंस) भी लिखी हैं।