अररिया/ भरगामा के दर्जन से भी ज्यादा पीडीएस डीलर कर रहे कालाबाजारी, फिर भी नहीं कसा गया शिकंजा
✍️ अंकित सिंह, भरगामा (अररिया)
भरगामा (अररिया) : प्रखंड में बीते लगभग दो महीने में जन वितरण प्रणाली व्यवस्था में भारी पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई। प्रशासनिक जांच के बाद जो आकड़े सामने आए,उसे देखकर बड़े-बड़े अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। दरअसल,डीलरों के माध्यम से उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर दिए जाने वाले राशन पर कालाबाजारियों का काला साया पूरी तरह से छाया हुआ है। प्रशासनिक आकड़ों के मुताबिक बीते एक से दो महीने में 18 से 20 राशन डीलरों की कालाबाजारी पकड़ में आई। अधिकारियों की सख्ती और सजगता से गड़बड़ी तो पकड़ में आ गई,लेकिन सवाल यह कि एक से दो महीने में यदि 18 से 20 डीलरों के यहां भारी मात्रा में राशन की कालाबाजारी पकड़ में आई तो फिर साल में इन डीलरों का टर्नओवर कितना होगा। इस तरीके के कालाबाजारी से यह स्पष्ट होता है कि सरकार की इस व्यवस्था का लाभ अधिकारी से लेकर डीलर और दलाल जबरदस्त तरीके से उठा रहे हैं।
बताया जाता है,कि इस क्षेत्र में डीलर और प्रशासन की मिलीभगत से हर साल करोड़ों रुपये का घपला हो रहा है। डीलरों को गोदाम से दिए जाने वाले राशन में पहले प्रबंधक के द्वारा कटौती की जाती है। दुकान तक पहुंचने के बाद डीलर भी सरकारी राशन पर हाथ साफ करते हैं। इससे होने वाली आमदनी में प्रखंड स्तरीय अधिकारियों का भी बराबर का कमीशन होता है। सरकार से गरीब उपभोक्ता तक सीधे राशन पहुंचाने की यह व्यवस्था खुद की समीक्षा की बाट जोह रही है।
वहीं एमओ रामकल्याण मंडल का कहना माने तो उनके स्तर से बरती जा रही सख्ती को यदि वरीय अधिकारियों एवं ग्रामीणों का साथ मिला तो फिर व्यवस्था की समीक्षा भी होगी,अपेक्षित कार्रवाई भी होगी। फिलहाल जो जन वितरण प्रणाली की व्यवस्था में खेल चल रहा है। उस खेल में कब तक रोक लग सकेगा यह देखना दिलचस्प होगा। प्रशासनिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों की शिकायत पर कई महीनों पूर्व एमओ रामकल्याण मंडल ने कई राशन दुकानों का औचक जांच किया तो दुकान के ई-पोस मशीन के स्टॉक व रजिस्टर के मुताबिक 18 से 20 पीडीएस डीलरों के यहां भारी मात्रा में राशन की गड़बड़ी मिली थी। जिसके बाद पूर्व एसडीओ रोजी कुमारी ने अपर एसडीओ रंजीत कुमार को जांच का निर्देश दिया था। लेकिन अब तक जांच हुआ या नहीं इस बात का किसी को कोई जानकारी नहीं है। इस मामले में लगभग 15 दिन पहले जब नवपदस्थापित एसडीएम शैलजा पाण्डेय से बात की गई तो वे एमओ के साथ कई राशन दुकानों का औचक निरीक्षण की थी। बताया जाता है,कि उनके द्वारा भी किये गए जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली थी। लेकिन अब सबसे बड़ा यह सवाल उठता है,कि आखिरकार इतने डीलरों में से सिर्फ और सिर्फ एक हीं राशन डीलर मिथिलेश पासवान का लाइसेंस रद्द कर प्रशासन क्या साबित करना चाहती है। इसका जवाब किसी भी अधिकारी से नहीं मिल सका। लेकिन वहीं नवपदस्थापित एसडीएम शैलजा पाण्डेय का माने तो बड़ी जाँच चल रही है। जिसका परिणाम भी अतिशीघ्र देखने को मिलेगा।