सहरसा/ मंडन भारती कृषि महाविद्यालय में एक तीनदिवसीय संगोष्ठी सह कार्यशाला का आयोजन 6 से
✍️ नवीन कुमार मिश्रा, सहरसा
संगोष्ठी सह कार्यशाला में मक्का, बाजरा और मखाना के सुपरफूड्स के पैकेजिंग, सुरक्षा, प्रसंस्करण और विपणन के अवसरों और चुनौतियों पर होगी चर्चा
सहरसा : अगवानपुर के मंडन भारती कृषि महाविद्यालय में दिनांक 06-12-23 से दिनांक 08-12-2023 तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सह कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। आयोजित हो रहे संगोष्ठी सह कार्यशाला में मक्का, बाजरा और मखाना के सुपरफूड्स के पैकेजिंग, सुरक्षा, प्रसंस्करण और विपणन के अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा होगी। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मक्का, ज्वार, बाजरा, मरुआ, चीना,और मखाना के सुपरफूड्स के प्रमोशन, प्रबंधन, और विकास में योगदान करना है। यहां मक्का, ज्वार, चीना, बाजरा और मखाना के उत्पादन, उपयोग, और पोषण से संबंधित नवीनतम अनुसंधानों पर भी चर्चा होगी।
इस संगोष्ठी सह-कार्यशाला से लोगों को इस क्षेत्र में हो रहे महत्वपूर्ण विकासों का संज्ञान होगा जो सुपरफूड्स के क्षेत्र में नए अवसर और चुनौतियों को प्रकट कर सकता है। इस कार्यशाला में गणमान्य लोग यथा बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, कृषि अधिष्ठाता, कृषि अनुसंधान अधिकारी, कुछ महाविद्यालय के प्राचार्य, बिहार सरकार के बिभिन्न पदाधिकारीगण, वैज्ञानिकगण, शोधकर्ता, क्षात्र गण एवं सबसे प्रमुख हमारे अन्नदाता किसान लोग भाग लेंगे ।
मखाना, जिसे फॉक्स नट्स भी कहा जाता है, वाणिज्यिक रूप से कई उपयोगों के लिए उत्पन्न होने वाला एक पौधा है। मखाना की खेती के लिए उच्च जल स्तर और उच्च वायुमंडल अवश्यक होते हैं। इसे मिट्टी की अच्छी गुणवत्ता और पोषण से भरी मिट्टी में बोए जाते हैं। मखाना के पौधों को सुरक्षित रखने के लिए कीटनाशकों का सही उपयोग करें मकई एक मुख्य अनाज है और इससे उच्च मूल्य मिलता है, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से फायदा होता है।
मक्का आहार में महत्वपूर्ण पोषण सामग्री प्रदान करता है, जैसे कि कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, और विटामिन्स। मक्का से निर्मित चारा पशुओं के लिए एक अच्छा चारा स्रोत हो सकता है, जिससे पशुओं को उच्च पोषण मिलता है। मक्का की खेती केवल आहार के लिए ही नहीं, बल्कि इससे अनेक उत्पादों का निर्माण भी हो सकता है । इसकी खेती वायुमंडल एवं भूमि की सुरक्षा में मदद कर सकती है ।
इस सम्मेलन सह कार्यशाला से लोगों को इस क्षेत्र में हो रहे महत्वपूर्ण विकासों का संज्ञान होगा, जो सुपरफूड्स के क्षेत्र में नए अवसर और चुनौतियों को प्रकट कर सकता है। छात्र-छात्राएं भी इस आयोजन में भाग लेंगे, जो क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को साझा करेंगे। इस कार्यशाला में भाग लेकर श्री अन्न की महत्ता से सहरसा वासी अवगत होंगे, जिसके कारण श्री अन्न की खेती अधिक से अधिक क्षेत्र में करने का प्रयास करेंगे। प्राचार्या डॉ अरुणिमा कुमारी इस संगोष्ठी -सह-कार्यशाला की मुख्य आयोजन सचिव ने इस कार्यशाला को सफल बनाने में प्रयासरत हैं।