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चंडीगढ़/ भगवान के जयकारों के साथ हुआ श्रीमद्भागवत कथा का भव्य समापन

श्रीकृष्ण व सुदामा की जीवंत झांकी ने श्रद्धालुओं को किया भाव विभोर

निष्काम भाव से जाएं भगवान की शरण में : कथा व्यास

चंडीगढ़ : सुदामा गरीब नही थे उनके पास भगवान की अटूट भक्ति, प्रभु शक्ति थी और भगवान श्रीकृष्ण को उनका यही स्वाभिमान बहुत भा गया था। मित्र सुदामा से मिलने वह नंगे पांव द्वारकापुरी से जिस तरह दौड़े वह मित्रता की छाप छोड़ गया। श्रीकृष्ण ने मित्र सुदामा को अपनी बाहों में भर लिया। उनकी सेवा की और चरण धोये। सुदामा ने भगवान से कुछ भी नही मांगा तो भगवान ने सुदामा जी का भाव देखकर उनको एक लोक की सम्पदा उन्हें दे दी। भगवान की शरण में निष्काम भाव के साथ जाना चाहिए। यह प्रवचन सुंदरकांड महिला मंडली द्वारा सेक्टर 40 डी में आयोजित साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन के विराम दिवस पर कथा व्यास सुरेश शास्त्री ने श्रद्धालुओं को कहे। इस दौरान कथा व्यास ने राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा का भी वर्णन किया।

इस अवसर पर श्रीकृष्ण व सुदामा की जीवंत झांकी ने श्रद्धालुओं भाव विभोर किया। कथा के दौरान कथा व्यास ने कर्णप्रिय भजनों से श्रद्धालुओं का समां बांधा। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान के भजनों पर नृत्य किया और फूलों की होली भी खेली तथा भगवान के जयकारे लगाए, जिससे वातावरण गूंजमयी हो गया।

कथा से पूर्व विधि विधान से हवन किया गया। श्रीमद्भागवत् महापुराण का अंतिम श्लोक सभी भक्तों के द्वारा बुलवाकर पूर्णाहुति दी गई, जिसके बाद महाआरती की गई। तद्पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सुंदरकाण्ड महिला मंडली की प्रधान नीमा जोशी ने इस भव्य आयोजन में सम्मिलित होने वाले तथा सहयोग देने वाले सभी श्रद्धालुओं को आभार प्रकट किया।