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चंडीगढ़/ तीन दिवसीय 45 वां वार्षिक संगीत सम्मेलन का 3 नवम्बर को होगा आगाज़

✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़

चंडीगढ़ : इंडियन नेशनल थियेटर द्वारा दुर्गा दास फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय 45वां वार्षिक संगीत सम्मेलन 3 नवम्बर से 5 नवम्बर तक सेक्टर 26 स्थित स्ट्रोबरी फील्डस हाई स्कूल के सभागार में आयोजित किया जायेगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए इंडियन नेशनल थियेटर के प्रेसिडेंट अनिल नेहरू व मानद सैक्रेटरी विनीता गुप्ता ने बताया कि यह सम्मेलन इंडियन नेशनल थियेटर के संरक्षक स्वर्गीय नवजीवन खोसला को समर्पित है। उन्होंने बताया कि पहले दिन 3 नवम्बर को सायं 6ः00 बजे शास्त्रीय संगीत गायिका चिन्मयी अथाले अपने गायन की प्रस्तुति देंगी। जिनके पश्चात देवोप्रिया व सुचिस्मिता बांसुरी वादन प्रस्तुत करेंगी। वहीं 4 नवम्बर को सायं 6ः00 बजे शास्त्रीय संगीत गायिका अनघा भट्ट तथा शास्त्रीय संगीत गायक आदित्य खांडवे की गायन प्रस्तुति जबकि सम्मेलन के अंतिम दिन 5 नवम्बर को प्रातः 11 बजे सितारवादक अनुपमा भागवत सितार से अपनी प्रस्तुति देंगी।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन 3 नवम्बर को शास्त्रीय संगीत गायिका चिन्मयी अथाले श्रोताओं को अपनी गायन प्रस्तुति देंगी। चिन्मयी अथाले, कोल्हापुर में घर पर संगीतमय माहौल में पली बढ़ीं। उन्होंने संगीत का प्रारंभिक प्रशिक्षण अपनी मां श्रीमती वंदना भूषण आठले से प्राप्त किया। वर्तमान में वह डॉ. वीणा सहस्रबुद्धे की वरिष्ठ शिष्या श्रीमती रचना बोडस के कुशल संरक्षण में हैं। उन्हें प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

विनीता गुप्ता ने बताया कि इसी दिन (3 नवम्बर) सम्मेलन के पहले दिन 3 नवम्बर को बांसुरी वादक देवोप्रिया व सुचिस्मिता अपनी जुगलबंदी से प्रस्तुति देंगे। इलाहाबाद में जन्मे, वे संगीतकारों के परिवार से हैं। स्वर्गीय पंडित भोलानाथ प्रसन्ना के मार्गदर्शन में, उन्होंने अपना प्रारंभिक बांसुरी प्रशिक्षण इलाहाबाद में प्राप्त किया। वे संगीत नाटक अकादमी द्वारा वर्ष 2008 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्राप्तकर्ता रही हैं। उन्हें प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने बताया कि दूसरे दिन 4 नवम्बर को शास्त्रीय संगीत गायिका अनघा भट्ट अपने गायन की प्रस्तुति देंगी। अनघा भट्ट बेंगलुरु, भारत में स्थित एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका हैं। वह पंडित उल्हास कशालकर की शिष्या हैं, जो भारत के प्रतिष्ठित संगीतकारों में से एक हैं, जिन्हें तीन शैलियों या घरानों – ग्वालियर, आगरा और जयपुर में दुर्लभ महारत हासिल है। उन्होंने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण बेंगलुरु स्थित विदुषी गीता हेगड़े से प्राप्त किया है। उन्हें प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि इसी दिन शास्त्रीय संगीत गायक आदित्य खांडवे अपना गायन प्रस्तुत करेंगे। हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका श्रीमती विद्या खांडवे के पुत्र आदित्य बचपन से ही शास्त्रीय संगीत से परिचित थे। उन्हें प्रारंभिक प्रशिक्षण अपनी मां से मिला। उन्होंने स्वर्गीय गणयोगिनी पंडिता धोंदुताई कुलकर्णी से जयपुर गायकी में उन्नत प्रशिक्षण लिया। उन्हें प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

सम्मेलन के अंतिम दिन 5 नवम्बर को प्रातः 11 बजे सितार संगीतकार अनुपमा भागवत अपनी सितार प्रस्तुित देंगी। सुरमनी श्रीमती अनुपमा भागवत, सितार संगीतकार नॉनपैरिल, ने बहुमुखी और उदार शैली के साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपनी पहचान बनाई है।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कलाकारों के साथ तबले पर विनोद लेले, अवीरभय वर्मा और जयदेव तथा हारमोनियम पर विनय मिश्रा संगत करेंगे।

विनीता गुप्ता ने बताया कि यह सम्मेलन सभी संगीत प्रेमियों के लिये आयोजित किया जा रहा है जिसमें निःशुल्क प्रवेश रहेगा।