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चंडीगढ़/ पंजाब के राज्यपाल ने शिक्षाविद्, प्रसिद्ध निशानेबाज और सामाजिक कार्यकर्ता सबीहा ढिल्लों मांगट को किया सम्मानित

आपके प्रयासों को मान्यता मिलना एक सुखद अहसास की अनुभूति से कम नही : सबीहा ढिल्लों मांगट

चंडीगढ़ : शिक्षाविद्, मशहूर निशानेबाज और सामाजिक कार्यकर्ता सबीहा ढिल्लों मांगट को यूटी एडमिनिस्ट्रेटर और पंजाब के गर्वनर बनवारी लाल पुरोहित ने शिक्षा और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उनके असाधारण प्रयासों के लिए यहां एक समारोह में सम्मानित किया। उन्हें शहर के मेयर अनूप गुप्ता की उपस्थिति में यह सम्मान दिया गया।

सम्मान प्राप्त करने के बाद सबीहा ढिल्लों मांगट ने कहा कि आपके प्रयासों को इतनी उपयुक्त पहचान मिलना बहुत ही संतुष्टिदायक है। उल्लेखनीय है कि सबीहा अपने निजी दान से कई जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करती हैं। उनके व्यक्तिगत मार्गदर्शन में विशेष योग्यता व जरूरतमंद बच्चों के लिए विभिन्न खेलों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है क्योंकि वह स्पेशल ओलंपिक भारत चंडीगढ़ चैप्टर से भी जुड़ी हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि “मैंने धनास गांव को गोद लिया है जहां गरीब बच्चों को सक्षम उपायों से मदद की जा रही है। हम उन्हें किताबें और कपड़े उपलब्ध कराते हैं। समय-समय पर मैं गांव में सफाई और वृक्षारोपण अभियान भी चलाती हूं।’’

सबीहा, जिन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लिया है, ने कहा कि जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित करने से न केवल व्यक्ति सशक्त होते हैं बल्कि पूरे समाज पर दूरगामी सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि वे शिक्षा तक पहुंच के हाशिए पर रहने वाले बच्चों को आर्थिक कठिनाई से बचने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करके गरीबी के चक्र को तोड़ती है। उन्होंने बताया कि शिक्षा सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा देती है, बच्चों को बेहतर अवसरों की आकांक्षा करने और अपने समुदायों में सार्थक योगदान करने में सक्षम बनाती है।

सबीहा आई एस देव समाज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कार्यवाहक प्रिंसिपल के रूप में काम करती हैं । उनके नेतृत्व गुणों के कारण, आई एस देव समाज सीनियर सेकेंडरी स्कूल ट्राइसिटी का एकमात्र स्कूल था जिसके म्यूजिक स्टूडेंटस को गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर गांधी स्मारक भवन, सेक्टर 16, चंडीगढ़ में परफॉर्म करने का अवसर मिला।

शूटिंग के प्रति अपने जुनून के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें अभी भी ललक है लेकिन अब वह समाज के जरूरतमंद बच्चों की मदद करने की ओर अधिक इच्छुक हैं, जिससे उन्हें अधिक संतुष्टि मिलती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उन्होंने 1997 में दिल्ली में आयोजित सेकंड साउथ एशिया शूटिंग चैंपियनशिप और जुलाई 2000 में अमेरिका के अटलांटा में वर्ल्ड चैंपियनशिप और इससे पहले म्यूनिख में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह जुलाई, 2000 में चेक रिपब्लिक में आयोजित प्लेजेन जूनियर इंटरनेशनल शूटिंग मीट में भाग लेने वाली उत्तर भारत की एकमात्र निशानेबाज हैं।