News4All

Latest Online Breaking News

मोहाली/ आईवीवाई अस्पताल में रोबो 3डी नी-रिसर्फेसिंग तकनीक की हुई शुरुआत

मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह 

मुख्य अतिथि ने हॉस्पिटल की टीम को दी बधाई व गिनाए अपने सरकार फायदे

मोहाली : पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सोमवार को आईवीवाई अस्पताल में रोबो 3डी नी-रिसर्फेसिंग तकनीक लॉन्च की । यह उत्तर भारत में रोबोटिक सॉफ्टवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उच्च स्तर के उपयोग वाली पहली मिनिमल इनवेसिव रोबोटिक तकनीक है।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा आईवीवाई ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन गुरतेज सिंह और एमडी डॉ. कंवलदीप कौर के साथ-साथ आइवी इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट के ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट के डायरेक्टर डॉ. भानु प्रताप सिंह सलूजा भी मौजूद थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य को ‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। इसे हासिल करने के लिए सरकार जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। टर्शरी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइमरी और सेकेंडरी स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है ताकि लोगों को बिना किसी परेशानी के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य उपचार मिल सके। हर 5 किमी के बाद एक आम आदमी क्लिनिक है जो लोगों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रहा है। आगे उन्होंने कहा कि सरकार योगा के महत्व पर भी फोकस कर रही है और जल्द ही हम राज्य के प्रत्येक गांव और मोहल्ले में योगा ले जायेंगे । राज्य में डॉक्टरों की कमी पर एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने डेढ़ साल में रिक्त पदों को भरने का आश्वासन दिया ।

रोबो-3डी घुटना रिसर्फेसिंग तकनीक के बारे में बात करते हुए डॉ. भानु ने कहा कि इस तकनीक में हाई एंड रोबोटिक सॉफ्टवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से पूरे जोड़ को बदलने के बजाय घुटने के जोड़ के केवल क्षतिग्रस्त हिस्से को ही रिसर्फेसिंग किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक में ब्लड लोस्स कम होता है और रिकवरी भी तेजी से होती है। आईसीयू में रहने की भी जरूरत नहीं है, टांके लगाने की जरूरत नहीं है, मरीज सर्जरी के 4 घंटे में चल सकते हैं और इसमें 10-15 मिनट का सर्जिकल समय लगता है।

डॉ. कंवलदीप ने कहा कि रोबो-3डी घुटना रिसर्फेसिंग तकनीक पूरे उत्तर भारत के घुटने के रोगियों को मदद करेगी। यह अगली पीढ़ी की एक तकनीक है जो घुटने के प्रत्यारोपण को दर्द रहित और तनाव रहित बनाती है।

रोबो-3डी घुटने की रिसर्फेसिंग तकनीक के लाभ :

• सर्जिकल समय 15-20 मिनट
• चीरा मुश्किल से 4-5 इंच का
• कोई आईसीयू स्टे नहीं
• ड्रेनेज या यूरिन पाइप का कोई उपयोग नहीं
• सर्जरी के 4 घंटे में मरीज चलने-फिरने लगता है
• सर्जरी के अगले दिन मरीज सीढ़ियाँ चढ़ सकता है
• कम ब्लड लोस्स कम
• कोई टांके नहीं