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चंडीगढ़/ पीजीजीसीजी- 11 में जैव विविधता के संरक्षण में मधुमक्खी की भूमिका पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला हुई आयोजित

चंडीगढ़ : सेक्टर 11 स्थित पीजीजीसीजी  के प्राणीशास्त्र विभाग ने 26 अगस्त को “जैव विविधता के संरक्षण में मधुमक्खी की भूमिका” पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रायोजित “एक दिवसीय कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला” का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य मधु मक्खियों के महत्व और जैव विविधता के संरक्षण में परागणकों के रूप में उनकी भूमिका पर जोर देना था। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डॉ. अरुल राजन मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए।

कार्यशाला की शुरुआत पंजाब विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) नीलिमा आर कुमार द्वारा दिए गए एक बहुत ही रोचक व्याख्यान से हुई। डॉ. नीलिमा ने मधुमक्खी के जीवन चक्र के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से बताया और शहद निर्माण की जटिल प्रक्रिया के बारे में बताया।

व्याख्यान के बाद मदन शर्मा द्वारा मधुमक्खी पालन पर एक लाइव प्रदर्शन और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उद्यमिता विकास के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए पीजीजीसीजी- 11 और ग्लोबल एपीरीज के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस कार्यक्रम को चिह्नित करने के लिए तीन प्रतियोगिताएं-  पोस्टर मेकिंग, नारा लेखन और फोटोग्राफी आयोजित की गईं। आयोजनों में स्नातक और स्नातकोत्तर के दोनों वर्गों की छात्राओं ने भाग लिया। सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को डॉ. अरुल राजन, निदेशक, डीएसटी और प्रोफेसर (डॉ.) अनीता कौशल, प्रिंसिपल, पीजीजीसीजी-11, चंडीगढ़ द्वारा पुरस्कृत किया गया । डॉ. अरुल राजन ने उद्यमिता कौशल विकसित करने के लिए प्रिंसिपल, स्टाफ और छात्रों के प्रयासों की सराहना की।

पुरस्कार विजेता 

पोस्टर बनाना-
प्रथम पुरस्कार- स्नेहा, (बीएससी-3)
द्वितीय पुरस्कार- प्रांचल ठाकुर, (बीएससी-3)
तृतीय पुरस्कार- प्रांजल नेगी, (बीएससी-3)

स्लोगन लेखन
प्रथम पुरस्कार- जसप्रीत, (एमएससी-2)
द्वितीय पुरस्कार- सवाती, (बीएससी-3)
तृतीय पुरस्कार- कृतिका, (एमएससी-2)

फ़ोटोग्राफी
प्रथम पुरस्कार- नील्जा, (बीएससी-3)
द्वितीय पुरस्कार- काश्वी, (बीएससी-1)
तृतीय पुरस्कार- नेहा, (बीएससी-3)