News4All

Latest Online Breaking News

चंडीगढ़/ संत निरंकारी मिशन की ‘वननेस वन’ परियोजना में बढ़ोतरी हेतु मिशन ने किया पौधरोपण

चंडीगढ़ : सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन आशीर्वाद से, संत निरंकारी मिशन ने पर्यावरण संरक्षण के उपलक्ष्य पर ‘वननेस वन’ नामक एक मेगा परियोजना का आरम्भ किया। इस परियोजना का लक्ष्य ‘वृक्षों के समूह’ का रोपण करना एवं इनकी देखभाल करना था। इस परियोजना के अंतर्गत संपूर्ण भारतवर्ष के लगभग 500 स्थानों पर पौधों का रोपण किया गया।

चंडीगढ़ ब्रांच के संयोजक नवनीत पाठक ने बताया कि इसी लड़ी मे पार्क ग्रीन बेल्ट, प्लॉट नंबर 901-910 (बीएसएनएल एक्सचेंज) के पास इंडस्ट्रियल एरिया फेस 2 चंडीगढ़ मे 150 पौधों का रोपण किया गया।

इस अवसर पर चंडीगढ़ जोन के ज़ोनल इंचार्ज ने बताया कि चंडीगढ़ जोन मे चंडीगढ़, मणिमाजरा, दप्पर, खरर , मोहाली, डेराबस्सी ब्रांचो मे पोधे लगाये गये उन्होने आगे कहा कि निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा कहे गए स्वर्णिम शब्द ‘प्रदूषण अंदर हो या बाहर दोनों ही हानिकारक है’ – इस अमोलक कथन को निरंकारी मिशन कई वर्षो से विभिन्न सामाजिक धर्मार्थ गतिविधियों में भागीदारी लेने हेतु एक प्रेरक शक्ति के रूप में उपयोग कर रहा है। इन कल्याणकारी गतिविधियों में प्रायः मेगा वृक्षारोपण अभियान, रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण परियोजनाएँ, पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता अभियान इत्यादि सम्मिलित हैं ।

संत निरंकारी मण्डल के सचिव परम् आदरणीय जोगिन्दर सुखीजा जी ने जानकारी सांझा करते हुए बताया कि ‘वननेस वन’ परियोजना का दूसरा चरण सन् 2022 में भी क्रियान्वित है जिसके अंतर्गत स्थानों की संख्या 500 हुई और वृक्षों की संख्या बढ़कर 1.65 लाख पहुंची।

आज जब पृथ्वी ग्लोबल वाॅर्मिंग की समस्या से जूझ रही है, तो ऐसे समय में वृक्षारोपण का महत्व ओर अधिक बढ़ गया है। वर्ष 2020 से कोरोना संकट ने हम सभी को प्रकृति की अमूल्य देन, प्राण वायु अर्थात् ऑक्सीजन का महत्व समझाया। साथ ही इसकी कमी से उत्पन्न होने वाले सभी दुष्प्रभावों से भी हमें भली भांति अवगत करवाया। ज्ञात रहे कि मनुष्य का जीवन जिस प्राण वायु पर आधारित है वह हमें इन वृक्षों से ही प्राप्त होती है। अतः इनका संरक्षण करना न केवल हमारा कर्तव्य है अपितु हमारे जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है।

निसंदेह निरंकारी मिशन की ऐसी कल्याणकारी योजनाएं ‘पर्यावरण संरक्षण’ एवं धरती को सुंदर बनाने हेतु एक प्रशंसनीय एवं सराहनीय कदम है जिस पर चलकर धरती को और अधिक स्वच्छ, सुंदर एवं निर्मल बनाया जा सकता है।