✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़ चंडीगढ़ : हमें जीते जी मात-पिता की सेवा को अपना प्रथम कर्तव्य समझना चाहिए जिसका सुखद फल हमें पितृ श्राद्धों में मिलता है। यह बात पितृ.