✍️ नीतू रानी, पूर्णियाँ (बिहार)
तर्ज -सावन का महीना पवन करे शोर,
जियरा रे झूमे ऐसे जैसे —–मोर।
सावन का महीना
रक्षाबंधन है शोर,
राम दुहाई मांगे बहिना
उम्र बढ़ेगी तोर।
सावन का————२।
महीना सावन कितना सुहावन
भाई -बहन का आ गया पावन,
पावन है पुराना रक्षाबंधन है शोर
राम दुहाई मांगे बहिना उमर बढ़ेगी तोर।
सावन का————२।
सज -धज के भैया मेरे राखी पहनेंगे
बहनों के हाथों से टीका रचेंगे ,
जैसे चंदा चमके वैसे चमकत हैं भैया मोर
राम दुहाई मांगे बहिना उमर बढ़ेगी तोर।
सावन का —————२।
हमें नहीं चाहिए भैया सोना चाॅ॑दी गहना
बहनों के साथ भैया प्यार बनाए रखना,
प्यार का है ये बंधन न होगा कभी कमजोर
राम दुहाई मांगे बहिना उमर बढ़ेगी तोर।
सावन का————२।
जैसे बहन कर्णावती की रक्षा किये भैया हुमायूॅ॑
वैसे भैया रक्षा करना बढ़ेगी तेरी आयु ,
सभी भैया के लिए “नीतू रानी “
ईश्वर से विनती करती है कर जोड़ी
राम दुहाई मांगे बहिना उमर बढ़ेगी तोर।
सावन का महीना रक्षाबंधन शोर
जियरा रे झूमे ऐसे जैसे वन में नाचे मोर।