दिल्ली NCR

नई दिल्ली/ मोहन गार्डन में भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज पूजनोत्सव की तैयारी लगभग पूरी

Spread the love

नई दिल्ली : चित्रांगन चित्रगुप्त पूजा समिति (रजि.) के द्वारा, दिनांक 27 अक्टूबर कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष, द्वितीया, बृहस्पतिवार को मोहन गार्डन, पी – ब्लॉक स्थित सरकारी कम्युनिटी हॉल में हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारी चल रही है। इस अवसर पर भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए दिल्ली के अनेक क्षेत्रों जैसे:- द्वारका, पालम, उत्तम नगर, नवादा, मोहन गार्डन, विपिन गार्डन, राना जी एनक्लेव, नांगली डेयरी, जय विहार, नजफगढ़, साईं एनक्लेव, निहाल विहार, नांगलोई, रोहिणी आदि – आदि क्षेत्रों से हजारों की संख्या में कायस्थ बंधु महिला पुरुष, बच्चे एकत्रित होकर एक साथ पूजा में सम्मिलित होते हैं।

कहा जाता है कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से बुद्धि, वाणी और लेखनी का आशीर्वाद मिलता है। कायस्थ कुल के लोगों को भगवान चित्रगुप्त का वंशज माना जाता है। इसी वजह से कायस्थ परिवार के लोग भगवान चित्रगुप्त जी का पूजन और उनके साथ कलम का पूजन इस दिन विशेष रूप से करते हैं। चित्रगुप्त पूजा एक ऐसा त्यौहार है, जिसे प्रायः कायस्थ समाज के लोग ही मनाते हैं। क्योंकि चित्रगुप्त जी को वह अपना इष्ट देवता मानते हैं।

अध्यक्ष श्री बी. एन. चौधरी ने बताया कि इस दिन हम सभी कायस्थ बंधु एक जगह एकत्रित होकर भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। इस दिन कायस्थ लोग कलम और दवात का इस्तेमाल नहीं करते हैं और पूजा के आखिर में वह संपूर्ण आय-व्यय का हिसाब लिखकर भगवान को समर्पित करते हैं।

अध्यक्ष चौधरी जी से बातचीत करने पर पता चला कि पूजा समिति के सक्रिय सदस्य बहुत ही लगन और मेहनत से इस पूजा को सफल बनाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं। उन्होंने सभी कायस्थ बंधुओं से अनुरोध किया है पूजा में अवश्य सम्मिलित हों और भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करें।

उपाध्यक्ष श्री आनंद दास “गौतम” कहना है कि हम ग्यारहवें वर्ष की पूजा में प्रवेश कर गए हैं। जिसको ऐतिहासिक रूप से मनाने की तैयारी लगभग 3 महीने पहले से चल रही है। गौतम जी ने बताया कि इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित होंगे जिनके द्वारा द्वितीय स्मारिका विमोचन भी किया जाएगा जो एक सराहनीय कदम है। पूजा के साथ-साथ बाल प्रतियोगिता, पुरस्कार वितरण, मैथिली गीत-नाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अंत में आरती एवं विसर्जन के साथ-साथ सामूहिक भोज का भी आयोजन है।


Spread the love
hi_INHindi