✍️ मनोज शर्मा, चंडीगढ़
चंडीगढ : प्राचीन शिव मंदिर राम दरबार प्रधान अनिल पाहूजा ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया के दिन को शुभ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है, इस दिन लोग अपने घरों में कुछ ना कुछ नया खरीद कर ले जाने का प्रयास करते हैं । इस दिन को हम हमारी सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक अक्षय तृतीय के रूप में मनाते हैं । इस शुभ अवसर पर प्राचीन शिव मंदिर राम दरबार की कमेटी ने ठंडी लस्सी और केले प्रसाद के रूप में लंगर लगाया ।
इस मौके पर प्राचीन शिव मंदिर उपाध्यक्ष सौरभ त्रिपाठी ने कहा कि अक्षय तृतीय के साथ-साथ भगवान श्री परशुराम जी जो कि पराक्रम के कारक और सत्य के धारक, शस्त्र और शास्त्र के धनी, भगवान विष्णु के छठें अवतार परशुरामजी की जयंती भी है । इन्होंने 21 बार पृथ्वी की रक्षा दुष्टों से की । आज की युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने धर्म की रक्षा के लिए अग्रसर रहना चाहिए।
इस शुभ अवसर पर मंदिर कमेटी से सुरेश राणा,सतिंदर मिश्रा, रोहित,नीरज दुबे, गौरव जिंदल, एवम मंदिर के पुजारी अनिल मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित रहे ।