चंडीगढ़/ ब्रह्मलीन श्री मुनि गौरवानंद गिरि जी महाराज की 36वीं पुण्य बरसी समारोह विधि विधान के साथ सम्पन्न
✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़
महावीर मुनि मंदिर (साधू आश्रम) में साधु, संतों और महात्माओं का किया गया भव्य स्वागत
चंडीगढ़ : सेक्टर 23 स्थित श्री महावीर मुनि मंदिर (साधू आश्रम)में ब्रह्मलीन श्री सतगुरु देव श्री श्री 108 श्री मुनि गौरवानंद गिरि जी महाराज की 36वीं पुन्य बरसी समारोह के उपलक्ष्य में सैकड़ों साधु संत और महात्माओं का आगमन हुआ। जिनका मुनि सभा के सदस्यगणों ने स्वागत किया और साधु संतो और महात्माओं की सेवा में भी योगदान दिया। इससे पूर्व प्रातः मंदिर परिसर विधि- विधान के साथ भव्य हवन किया गया। पूर्णाहुति के उपरांत समारोह के समापन पर महाआरती की गई।
देश के विभिन्न राज्यों से आये सभी साधु, संत, महात्माओं को सांस्कृतिक सचिव व मुख्य पुजारी पं. दीप भारद्वाज ने तिलक लगा कर अभिनंदन किया। इस दौरान सभा के प्रधान श्री दलीप चन्द गुप्ता व महासचिव एसआर कश्यप, उपप्रधान श्री ओ.पी पाहवा, कार्यालय सचिव नंदलाल शर्मा तथा कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र गुप्ता, ऑडिटर नरेश महाजन तथा सदस्य एचआर नंदवानी, ओपी गुप्ता भी उपस्थित थे जिन्होंने साधु, संत और महात्माओं को दक्षिणा, फल, वस्त्र वितरण किए और साधू-संतो व महात्माओं को विशाल भंडारे का प्रसाद वितरण किया। बाद में आम जनता को भंडारा परोसा गया।
भक्ति प्राप्त करने के लिए सत्संग में जाना बहुत जरूरी
कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को दिए अपने प्रवचन में भक्ति प्राप्त करने के लिए सत्संग में जाना बहुत जरूरी बताया क्योंकि महापुरूषों ने कहा है कि बिनु सत्संग विवेक न होई, पर राम कृपा बिनु सुलभ न सोई। उन्होंने कहा कि मनुष्य को सत्संग इस प्रकार से श्रवण करना चाहिए कि उनका मन ही वृंदावन बन जाये और मन के वृंदावन होने से उन्हें किसी भी तीर्थ यात्रा में जाने की आवश्यकता नही रहती है। इस अवसर पर कथा व्यास द्वारा एक से बढकर भगवान के मधुर भजनों को सुना कर उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
सभा के प्रधान श्री दलीप चन्द गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि प्रति वर्ष ब्रह्मलीन श्री सतगुरु देव श्री श्री 108 श्री मुनि गौरवानंद गिरि जी महाराज की पुन्य बरसी समारोह विधि विधान के साथ मनाया जाता है और भविष्य में भी जारी रहेगा।