चंडीगढ़ बड़ी खबर राष्ट्रीय

चंडीगढ़/ एसबीआई वीआरएस 2017 एंप्लाइज एसोसिएशन ने एसबीआई को चेताते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो वे देंगे धरना

Spread the love

चंडीगढ़ : पिछले कई वर्षों से अपनी जायज मांगों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समक्ष रखने के बावजूद भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी । उन्हें रिटायरमेंट पर एसबीआई ने कई प्रलोभन भी दिए लेकिन उन्हें 2017 से लेकर आज तक पूरा नहीं किया गया । यदि बैंक उनकी मांगों को 31 मार्च तक नहीं मानता और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके लाभ नहीं देता तो एसबीआई वी आर एस 2017 एंप्लाइज एसोसिएशन सेक्टर 17 स्थित एसबीआई के स्थानीय मुख्य कार्यालय के समक्ष अप्रैल माह में शांतिपूर्वक धरना देगी। यह बात एसोसिएशन के प्रधान योगराज गर्ग ने पिछले दिनों प्रेस क्लब सेक्टर 27 चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। इस दौरान उनके साथ एसोसिएशन के उप प्रधान रविन्द्र मित्तल, सचिव बृज मोहन गोयल, सहसचिव कर्मवीर पूरी खजांची पवन कुमार गोयल व एग्जीक्यूटिव मेंबर हेमंत कुमार व राजेश पासी व अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

एसोसिएशन के प्रेसिडेंट योगराज गर्ग ने बताया कि वर्ष 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला व अन्य सहायक बैंको के विलय से पहले स्टेट बैंक ऑफ पटियाला ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को वे सभी लाभ व सुविधाएं देने का प्रलोभन दिया जो 60 वर्ष की उम्र पर सेवानिवृत कर्मचारियों को दिए जाते हैं । इस प्रलोभन से बैंक के 742 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली । परंतु उनके बैंक के विलय के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने वे सभी लाभ व सुविधाएं जो सर्कुलर में लिखी थीं उन्हें नहीं दी । इनमें सेवानिवृत्ति पर दिए जाने वाला उपहार दिया जाना चाहिए था, पूरे वर्ष का एंटरटेनमेंट भत्ता दिया जाना चाहिए था ,अवकाश नकदीकरण पर 23 दिनों का ब्याज दिया जाना चाहिए था, एक्स ग्रेसिया राशि में स्पेशल भत्ता व उसके उपर महंगाई भत्ता की गणना की जानी चाहिए थी । सेवा मुक्ति के बाद इच्छुक कर्मचारियों / अधिकारियों को पुनः भर्ती के अवसर दिए जाने चाहिए थे जो नहीं दिए गए । जबकि सर्कुलर में इसका जिक्र किया गया है ।

उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद उपरोक्त सुविधाओं के लिए हमारी एसोसिएशन ने भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन मुंबई, उप महानिदेशक मुंबई व मुख्य महा प्रबंधक चंडीगढ़ को कई पत्र लिखे परंतु उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया । उपरोक्त विषय पर आरटीआई के अन्तर्गत भी निवेदन किया गया परन्तु उसमें भी बैंक ने पुष्टि की कि कोई एक्शन नहीं लिया गया है और कोई जवाब भी नहीं दिया गया है ।

उन्होंने बताया कि उपरोक्त मामलों के अतिरिक्त भी मामले बैंक के समक्ष उठाए गए जो अभी तक नहीं सुलझे हैं जिनमें कर्मियों व अधिकारियों को अभी तक नोट बंदी के समय का ओवरटाइम अदा नही किया गया, दिल्ली सर्कल द्वारा स्थगन वेतन वृद्धि भी सूरजभान अग्रवाल, विनोद कुमार मोहन लाल सैनी को अभी तक मंजूर नहीं की गई है । जिनको मंजूर कर दी गई हैं उनको पेंशन में बढ़ोतरी नहीं दी गई है, इन मामलों में चंडीगढ़ एल एच ओ के सहायक महाप्रबंधक श्री दिलदार अंसारी जो एचआर के मुखिया हैं मुख्य रूप से अड़चन बने हुए हैं जिनके खिलाफ शिकायत भी की गई थी परन्तु उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उनकी तरक्की करके उन्हें उप महाप्रबंधक बना दिया गया । इससे साबित होता है कि बैंक दोषी अधिकारी को बचाकर हमारे हितों पर कुठाराघात कर रहा है और हमें अपने लाभों से वंचित कर रहा है । उन्होंने बताया कि बैंक प्रबंधन से मिलने के लिए अगस्त 2022 में एक पत्र लिखा गया था परन्तु कोई जवाब नहीं दिया गया । फिर अक्टूबर 2022 में एक अनु स्मारक भेजा गया उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया ।

सेवानिवृत कर्मचारी अब एक और समस्या से जूझ रहे हैं । बैंक ने सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए दवाइयों की सप्लाई हेतु Tata 1mg नामक कंपनी को ठेका दिया है परंतु यह कंपनी बैंक के नियमों का पालन नहीं कर रही और जो सब्सिडी देनी चाहिए वह नहीं दे रही । सारी दवाई भी सप्लाई नहीं कर रही और बहाने बाजी करती है । बैंक को कंपनी को सुधार हेतु निर्देश देने चाहिए ।

उन्होंने कहा कि हम अपने ही बैंक का नाम बदनाम नहीं करना चाहते थे परन्तु उन्हें मजबूर कर दिया गया है जिससे यह प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है ।उन्होंने कहा कि यदि बैंक उनकी मांगो को 31 मार्च 2023 तक पूरा नही करेगा तो बैंक के चंडीगढ़ स्थित लोकल हेड ऑफिस के सामने अप्रैल माह में शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन करेंगे।


Spread the love
en_USEnglish