चंडीगढ़ : शनिवार को जीएमसीएच कांटेक्ट सुरक्षा कर्मचारी यूनियन की बैठक प्रधान सुखबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई । यह बैठक तीन चरणों में की गई जिसमें लगभग ढाई सौ वर्कर शामिल हुए बैठक में सुरक्षा कर्मचारी वर्करों को आ रही दिक्कतों के बारे में चर्चा की गई कई महीनों से वर्दी एवं पहचान पत्र की मांग को लेकर मैनेजमेंट के ढीले रवैए से परेशान होकर मार्च महीने में बड़ा प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई इसी दौरान बिजली के निजीकरण के विरोध में होने वाली हड़ताल को भी समर्थन किया गया और 22 फरवरी को सेक्टर 17 में होने बिजली विभाग की विरोध रैली में ज्यादा से ज्यादा वर्कर शामिल होने पर सहमति जताई ।
सुखबीर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पहले ही रोजगार एवं व्यापार ठप हो चुका है ऐसे में गरीब एवं मध्यम वर्ग के परिवार पहले से महंगाई की मार से ग्रस्त है ऐसे में अगर मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग को सरकार बेचेगी तो आने वाले समय में बिजली के रेट बढ़ने से मोटे मोटे बिजली के बिलों की मार से यह परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे और सरकार के इस फैसले का विरोध हर वर्ग और चंडीगढ़ के तमाम वर्कर मिलकर करेंगे सरकार एवं प्रशासन को चेतावनी दी जाती है अगर चंडीगढ़ प्रशासन एवं सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती तो आने वाले समय में सभी वर्कर काम छोड़कर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे ।
इस बैठक में जीएमसीएच सुरक्षा कर्मचारी यूनियन में कुछ नए चेहरे भी शामिल किए गए जिनमें पवनदीप सिंह, तेजिंदर सिंह, अनिल कुमार, अनंतराज ,ममता वर्मा, रजनी नेगी एवं शिप्रा आदि प्रमुख हैं ।