वर्तमान राजनीति एवं कोरोना टीकाकरण पर केंद्रित साप्ताहिक बतकही
✍️ नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
ककुवा ने चुनावी बेला में हो रहे दल-बदल और गठबंधन की चर्चा करते हुए कहा- परदेस अउ देस म बेजमीर वाले नेतन कय जमात बढ़त जाय रही। ई प्रकार के नेतन केरी न अपन कौनिव सोच हय। न इनका कौनिव विचारधारा म विश्वासु हय। एन्हिन पय “जहां मिलय सुरवा, हुवाँ बैठय उटकुरुवा” कहावत बनी हय। कुछु नेता हर बखत सत्ता म रहा चाहत हयँ। उई कबहुँ विपक्ष म नाय बइठा चाहत।कुछु नेता अपनी पत्नी, बेटे, बेटी, बहु, दामाद, भाई, बहिन का लालबत्ती म बैठावै ख़ातिन पाला बदलत रहत हयँ। खाली नेतन का कहेस कामु न चलि। पार्टिव तौ कम नाइ हयँ। चुनाव जीतय ख़ातिन धुर विरोधी पार्टियां आपस म गठबंधन कय लेती हयँ। सबकी याकय विचारधारा हय कि कौनिव विधि ते सत्ता मिलय। अब जनता क चाही कि ई सत्तालोलुप नेतन ते मुक्ति लै ल
- चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर आज कम्बल ओढ़े बैठे थे। ककुवा, मुंशीजी, कासिम चचा व बड़के दद्दा तपता ताप रहे थे। पुरई गाय दुहने में व्यस्त थे। सुबह मौसम साफ था। किन्तु, कड़ाके की ठंड थी। गांव के बच्चे आम के पेड़ पर ‘सियर-सटकना’ खेल रहे थे। मेरे पहुँचते ही ककुवा ने प्रपंच का आगाज कर दिया। ककुवा का कहना था कि आज के दौर में राजनीति बड़ी गन्दी होती जा रही है। नेताओं में सत्ता की लालसा बढ़ती ही जा रही है। भाई-भतीजावाद से पीड़ित नेता हर चुनाव में दल बदल लेते हैं। इनको कोई एक राजनैतिक पार्टी पसन्द नहीं आती है। इन्हें किसी भी विचारधारा में भरोसा नहीं है। इन्हें सिर्फ अपने और अपने परिजनों के लिए कुर्सी चाहिए। ये लोग जनता को जाति/धर्म में बांट कर सत्ता सुख भोगते हैं। ऐसे नेताओं को सबक सीखना जरूरी हो गया है। नेताओं की तरह कुछ राजनैतिक दल भी हैं। ये पार्टियां सत्ता के लिए धुर विरोधी पार्टी से गठबंधन कर लेती हैं। मतदाताओं के विश्वास को छला जाता है।
चतुरी चाचा ने ककुवा की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- ककुवा, तुम सही कह रहे हो। राजनैतिक दल अब दलदल बनत जाय रहे। दल-बदल कानून बनेक बादिव धड़ल्लेत दल-बदल होत हय। लोकसभा अउ विधानसभा चुनाव क बेरिया पार्टिन म भगदड़ मचि जात हय। कुर्सिक खातिन नेता अपन दल बदलत रहत हयँ। कोऊ उन ते पूछय कि तुमार विचारधारा का हय? तुम हौ किहके? तुम खाली अपन कुर्सी द्याखत हौ। तुम अपन पूरा परिवार राजनीति म स्थापित कीन चाहत हौ। तुमका सरकार-सत्ता केरी सारी मलाई चाही। तुम हरदम सत्ताधारी दल म रहा चाहत हौ। तुम न दक्षिणपंथी हौ अउ न वामपंथी हौ। तुम सर्वपंथी हौ। तुम जाति/धर्म केरे नाम पय मतदातन का बरगलाय हौ। तुम सांसद, विधायक, मंत्री, अध्यक्ष, प्रमुख, चेयरमैन अउ न जाने कतने पद हथियाय लेत हौ। मगर, नेताजी युहु जानि लेव कि जनता-जनार्दन याक दिन जरूर जागी। तब यहे मतदाता तोहका ‘ढाक के तीन पात’ बनाय देहैँ।
इसी बीच चंदू बिटिया प्रपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई। आज जलपान में केवल कुल्हड़ वाली स्पेशल चाय थी। मुंशीजी ने चतुरी चाचा से पूछा- आज खाने के लिए कुछ नहीं आया। चतुरी चाचा ने कहा- सब जने सबुरी करव। प्रपंच करि लेव। फिरि गर्मागर्म तहरी खायक मिली सभेका। चाय के साथ प्रपंच आगे बढ़ा।
कासिम चचा ने कहा- यूपी भाजपा में तो भगदड़ मची है। उनके कई मंत्री और विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। सब सपा में शामिल होते जा रहे हैं। इस बार अखिलेश यादव ने भाजपा को चक्रव्यूह फंसा लिया है। उधर, कांग्रेस व बसपा भी भाजपा को चोट दे रही है। भाजपा की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। क्योंकि, उसके अपने कद्दावर नेता ही साथ छोड़ते जा रहे हैं। मणिपुर व उत्तराखंड में भाजपा को कांग्रेस ने चारों तरफ से घेर लिया है। पँजाब में भाजपा चुनावी जंग से बाहर ही है। गोवा में भी भाजपा की राह में रोड़े हैं। कुलमिलाकर यह कहा जा सकता है कि भाजपा का प्रभाव घटने लगा है। महंगाई, बेरोजगारी से त्रस्त जनता को अब भाजपा रास नहीं आ रही है। भाजपा सिर्फ धर्म की घुट्टी पिलाकर जनता को अपने पक्ष में करना चाह रही है।
मुंशीजी बोले- कासिम मास्टर, तुम्हारी समीक्षा दमदार है। भाजपा ने हमेशा धर्म के हथियार से चुनावी जंग लड़ी है। उसे सफलता भी मिलती रही है। लेकिन, अब मतदाताओं को समझ आने लगा है कि केवल हिन्दू, हिन्दुत्व से जीवन सुखमय नहीं होगा। लोगों का कहना है कि सत्ता उसी दल को देनी चाहिए, जो महंगाई, बेरोजगारी और भय के वातावरण से मुक्ति दिलाने की बात करता हो। खैर, अब ‘नौव्वा क बार अगहें’ हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। यह अगले लोकसभा का सेमी फाइनल मैच है। इसके परिणाम भाजपा का भविष्य तय कर देंगे। वैसे, भाजपा को ज्यादा हल्के में लेने वाला नहीँ है। भाजपाई अंतिम समय में भी बाजी पलट देते हैं। मोदीजी लोक लुभावन बातों, वादों और राष्ट्रभक्ति की भावनाओं के बाजीगर हैं। वहीं, भाजपा के पास अमित शाह व योगी आदित्यनाथ जैसे जादूगर भी हैं।
बड़के दद्दा ने कहा- भाजपा में कोई भगदड़ नहीं है। बल्कि, विभिन्न दलों से अच्छे मजबूत नेता भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। सपा के भी कई मौजूदा एवं पूर्व विधायक कमल खिलाने में जुटे हैं। बसपा व कांग्रेस से भी कई नेता भाजपा खेमे में आ चुके हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी, दारा सिंह चौहान जैसे मंत्री और इनके अनुगामी कुछ विधायकों ने भाजपा की पीठ में छुरा भोंकने की कोशिश भर की है। परन्तु, इन सबके चले जाने से भाजपा स्वच्छ हुई है। ये सब सिर्फ पांच साल सत्ता की मलाई खाने में व्यस्त रहे। भाजपा के लिए कभी कुछ नहीं किया। भाजपा किसी जाति/धर्म के ठेकेदार के बल पर राजनीति नहीं करती है। वह अपनी विचारधारा पर चलकर आज शीर्ष पर आई है। जनता ने मोदीजी, योगीजी के दमदार काम को देखा है। तभी आम मतदाता जाति/धर्म से ऊपर उठकर भाजपा के साथ है। आगामी 10 मार्च को देख लेना कि जनता किसके साथ है।
प्रपंचियों को कोरोना का अपडेट देते हुए मैंने बताया कि विश्व में अबतक 32 करोड़ 44 लाख लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें 55 लाख 47 हजार से अधिक लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। इसी तरह भारत में अबतक तीन करोड़ 68 लाख से अधिक लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें चार लाख 85 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को दो लाख 68 हजार से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिले थे। वहीं, एक दिन में 402 कोरोना रोगियों की मौत हो गई। महाराष्ट्र व दिल्ली सहित कुछ राज्यों में स्थिति बेहद दयनीय है।
देश में अबतक कोरोना टीके की 157 करोड़ से अधिक डोज लग चुकी है। बच्चों (15 से 18 वर्ष) को युद्ध स्तर पर वैक्सीन लगाई जा रही है। साथ ही, फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज लगाई जा रही है। अभी 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की वैक्सीन का इंतजार हो रहा है। विश्व में कोरोना का ओमिक्रोन वैरियंट कहर ढा रहा है। भारत में ओमिक्रोन वैरियंट के मरीजों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है। देश में ओमिक्रोन के छह हजार से अधिक रोगी मिल चुके हैं। ओमिक्रोन ने पूरे देश में खतरे की घण्टी बजा दी है। घोर लापरवाही के चलते भारत में कोरोना विस्फोट हो गया है। गनीमत यह है कि टीकाकरण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों और मरने वालों की सँख्या अभी नियंत्रित है। मास्क और दो गज की दूरी ही कोरोना को मात दी सकती है।
अंत में चतुरी चाचा ने हम सबको बताया कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशव मौर्य सिराथू (प्रयागराज) से विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। प्रथम चरण के नामांकन की प्रक्रिया जारी है। चाचा ने सभी को सकट-पूजन (गणेश चतुर्थी व्रत) की शुभकामनाएं दी। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही को लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!