अररिया/ खाद की समस्या से जूझ रहे किसानों ने किया परवाहा में स्टेट हाइवे को जाम
फारबिसगंज (अररिया) : किसानों को खाद की किल्लत, खाद की कालाबाजारी को लेकर सामाजिक कार्यकर्त्ताओं व किसानों ने शनिवार को परवाहा चौक रानीगंज- फारबिसगंज पथ जाम कर सरकार के प्रति आक्रोश जताया। सड़क जाम का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्त्ता प्रभात यादव कर रहे थे। जामस्थल पर एक सभा भी हुई। इसकी अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्त्ता अंकित मेहता ने की।
सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्त्ता प्रभात यादव ने कहा कि पूरे फारबिसगंज सहित जिले भर के किसान खाद की कालाबजारी से परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ खेती करने के लिए शेष बची भूमि पर किसानों ने अपने खेत को जोत कर तैयार हैं। लेकिन, एनपीके और डीएपी नहीं मिलने के चलते इनकी खेती नहीं हो पा रही है। किसान चहुंओर समस्याओं से घिरे हैं। इनके प्रति सरकार अपनी नैतिक जबावदेही और खाद उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ रही है। बाजार में दुकानदारों के पास खाद बचा भी है तो वह ज्यादा दाम पर खाद का अभाव दिखाकर बेच रहे हैं। निर्धारित कीमत से 400-500 रुपये अधिक किसानों को अधिक दुकानदारों को देना बेवसी है। इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी और प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी अपनी जबावदेही का पालन नहीं कर पा रहे है।
तकरीबन 2 घंटे तक रानीगंज-फारबिसगंज मार्ग बाधित रहा। जिसके बाद फारबिसगंज एसडीओ सुरेन्द्र कुमार अलबेला के आश्वासन पर जाम खोला गया। एसडीओ ने आश्वासन दिया कि खाद माफिया के खिलाफ हमलोग कारवाई करेंगे और किसानों को जल्द खाद आपूर्ति की जाएगी। अड़राहा, परवाहा, गौड़राहा- विशनपुर, तामगंज, सैफगंज, झिरवा पछियारी, झिरवा पूर्वारी, हरिपुर, टेढी मुसहरी, सहित दर्जनों पंचायत के किसान खाद नहीं मिलने से परेशान है।
प्रभात यादव ने सरकार व जिला पदाधिकारी से 24 घंटे के अंदर खाद की काला बाजारी रोकने, किसानों को सही कीमत पर खाद उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर किसान को 24 घंटे के अंदर अगर खाद नहीं मिला तो वे किसान सत्याग्रह करने के लिए बाध्य होंगे। किसानों का कहना है कि विगत कई दिनों से परवाहा में निजी खाद दुकानदार के पास डीएपी, पोटाश,मिक्सचर उपलब्ध है। इसके बावजूद खाद देने से मना कर रहे है। ज्ञात हो कि अभी रबी फसल की बोआई का समय है। किसानों ने मक्का, गेहूं, तेलहन व दलहन फसल की बुआई शुरू कर दी है। विगत कई दिनों से प्रखंड क्षेत्र में खाद की किल्लत बनी हुई है। डीएपी, मिक्सचर व पोटाश के लिए किसान भटक रहे हैं। खाद की किल्लत के कारण किसानों के बीच हाहाकार मचा है। खाद नहीं मिलने से किसान बिना खाद के ही गेहूं व मक्के की खेती करने को विवश हैं। गेहूं व मक्के की फसल की अधिक उपज के लिए किसान बोआई के समय व बोआई के बाद डीएपी, मिक्सचर व यूरिया सहित अन्य खाद का प्रयोग करते हैं, लेकिन खाद उपलब्ध नहीं रहने से किसान काफी परेशान हैं। खाद का उपयोग नहीं करने से रबी फसल के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
मौके पर मौजूद किसान नेता सूरज यादव, दिनेश शर्मा, सूरज यादव, बिकाश बिपलव ने बताया कि डीएपी 1700 में खुले बाजार मे बिक रहा है। वही, मिकस्चर 20:20:13 का कालाबजारी 1600 रुपये में खुलेआम हो रहा है। मौके पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव एवं अंकित मेहता के साथ साथ अजीत चक्रवती, बिकाश विप्लव, राकेश यादव, पैक्स अध्यक्ष सरोज यादव, दिनेश शर्मा, सत्येन्द्र यादव, सोनू यादव, ऋषभ कुमार, पवन कुमार, रंजीत यादव, मुन्ना यादव, आशीष कुमार सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे।