पंचकूला

पंचकूला/ पारस हेल्थ पंचकूला ने विश्व पार्किंसंस दिवस पर आयोजित किया जागरूकता सत्र

Spread the love

पार्किंसंस के शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें : डॉ. अनुराग लांबा

पंचकूला : विश्व पार्किंसंस दिवस के अवसर पर पारस हेल्थ पंचकूला ने शुक्रवार को एक स्वास्थ्य वार्ता और जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पार्किंसंस बीमारी, इसके लक्षणों और समय पर पहचान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम में 75 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें मरीज, उनके परिजन और अस्पताल के स्टाफ सदस्य शामिल थे।

पार्किंसंस जागरूकता माह के अंतर्गत आयोजित इस पहल में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया कि यह केवल एक मूवमेंट डिसऑर्डर नहीं, बल्कि नींद, मनोदशा और सोचने-समझने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। भारत में अनुमानित 5.76 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।

डॉ. अनुराग लांबा, डायरेक्टर – न्यूरोलॉजी, पारस हेल्थ पंचकूला ने कहा, “पार्किंसंस धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है। हल्का कंपन, धीमी आवाज़, या छोटी लिखावट जैसी छोटी बातें भी इसके शुरुआती संकेत हो सकते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञान की प्रगति के साथ अब इस बीमारी के प्रभाव को धीमा करना और मरीज को बेहतर जीवन देना संभव है।

डॉ. पार्थ बंसल, कंसल्टेंट – न्यूरोलॉजी ने बताया कि पार्किंसंस के शुरुआती लक्षणों की समय पर पहचान इलाज की दिशा में पहला और सबसे जरूरी कदम है। “मरीज की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना हमारा मुख्य उद्देश्य है,” उन्होंने जोड़ा।

डॉ. पंकज मित्तल, फैसिलिटी डायरेक्टर, ने कहा, “इस बीमारी से लड़ने के लिए हमें मल्टीडिसिप्लीनरी और टेक्नोलॉजी-समर्थित दृष्टिकोण अपनाना होगा। जागरूकता इसके लिए पहला कदम है।”

कार्यक्रम के अंत में जागरूकता और एकजुटता के प्रतीक स्वरूप अस्पताल परिसर में 100 ग्रे गुब्बारे छोड़े गए। इस मौके पर वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. आशीष गुप्ता, डॉ. अनिल ढींगरा और डॉ. दिनेश वर्मा भी उपस्थित रहे।

पारस हेल्थ का उद्देश्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए जागरूक, सहानुभूतिपूर्ण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

en_USEnglish